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सीएम ने भेजा पीएम को आईना

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आईना भेजा है. पार्सल से भेजे गये आइने के साथ मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को सलाह दी है कि वे बार-बार अपनी शक्ल देखें.

उन्होंने प्रधानमंत्री को भेजे गये पार्सल के साथ लिखा है कि यह संभव है कि इस दर्पण को कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा. लेकिन आप अपने अतीत से नहीं बच सकते हैं और भारत जल्द ही आपके लिए एक आईना होगा.

इसके साथ ही उन्होंने एक पत्र भी प्रधानमंत्री को लिखा है. ये रहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पत्र-

माननीय मोदी जी!

आपको मोदी जी तो बोल ही सकता हूं ना? दरअसल क्या है कि आपने ख़ुद को इतने नाम दे रखे हैं कि लोग भ्रमित हो जाते हैं कि आपको किस नाम से पुकारें. चायवाला, फकीर, प्रधान सेवक, चौकीदार, साहेब, और न जाने क्या-क्या!

आप स्वतंत्र भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिनके कई चेहरे हैं. जो कि अपनी सुविधानुसार उन चेहरों का मतदाताओं को लुभाने के लिए इस्तेमाल करता है. लेकिन इनमें से आपका असली चेहरा है कौन सा?

आप 2014 में चायवाला बन गए. आपकी पीआर टीम ने आपकी इस छवि को खूब बेचा और वोट बटोरा. लेकिन अब तक इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि आपने चाय की केतली को हाथ तक लगाया हो. अब जब आपने चाय बेची ही नहीं तो आप चायवाला कैसे हो गए मोदी जी?

फिर भारत को दस लाख का सूट पहनने वाला पहला फकीर भी मिला. एक ऐसा फकीर जिसके बारे में कहा जाता है कि मेकअप में ही हजारों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं. आपकी कलम, दिन में कई बार बदले जाने वाले आपके कपड़े, आपका नाश्ता और आपका खाना सबकी बड़ी चर्चा होती रही है. 2000 करोड़ तो आपने विदेश यात्राओं में ही फूंक दिए और 4600 करोड़ रुपए विज्ञापनों में. आपकी इस फकीरी को देखकर तो अच्छे अच्छे फकीरों के होश फ़ाख़्ता हो जाएं.

बात सिर्फ इन ‘विशेषणों’ तक सीमित नहीं है मोदी जी. 2014 के पहले आप काला धन विरोधी थे, भ्रष्टाचार विरोधी थे, जीएसटी विरोधी थे, पाकिस्तान को ‘लव लेटर’ लिखे जाने के खिलाफ थे, चीन को आप लाल आंखें दिखाना चाहते थे, गंगा मां के बेटे थे, स्मार्ट सिटीज और आदर्श गांवों का सपना बेचने वाले राजनेता थे, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के सच्चे समर्थक थे. लेकिन 2014 के बाद से ही इन सबके विपरीत होते चले गए.

काले धन वालों को आपने विदेश भगा दिया, राफेल में अनिल अंबानी के साथ भ्रष्टाचार के भागीदार बन गए, आधी रात में संसद खुलवाकर जीएसटी बिल पास करवाया लेकिन इससे देश के कारोबार की कमर टूट गई, गंगा नदी की स्थिति अब भी दयनीय है, बेरोजगारी ने सारे रिकार्ड्स ध्वस्त कर दिए हैं, आप बिन बुलाए पाकिस्तान जाकर बिरयानी खा आए, चीन के राष्ट्रप्रमुख के साथ आप झूला झूलते दिखे, बनारस को क्योटो बनाना तो ‘हर खाते में 15-15 लाख’ जैसा जुमला ही साबित हुआ.

लोग पहचान ही नहीं पा रहे हैं कि आपका असली चेहरा कौन सा है. क्या आपको याद है कि आपका असली चेहरा कौन सा है?

इससे पहले कि आप झूठ का एक और नकाब पहन कर जनता के बीच आएं, मैं आपको यह आईना तोहफा स्वरूप भेज रहा हूं. मोदी जी! इस आईने को आप लोक कल्याण मार्ग के अपने आवास में किसी ऐसी जगह लगाएं, जहां से आप सबसे अधिक बार गुजरते हों. ताकि इस आईने में अपनी शक्ल बार बार देख आप अपनी असली चेहरे को पहचानने की कोशिश कर सकें.

हो सकता है कि आप इस आईने का इस्तेमाल ही ना करें. प्रधानमंत्री निवास के किसी कूड़ेदान में फेंक दें. लेकिन आईना देखने से आप फिर भी नहीं बच पाएंगे. इस देश की 125 करोड़ की आबादी इस चुनाव में आपको आईना दिखाने वाली है.

तैयार हैं ना मोदी जी?


भूपेश बघेल ने इस मुद्दे पर एक ट्वीट भी किया है. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है-मैं आपको यह आईना तोहफा स्वरूप भेज रहा हूं. इस आईने को आप लोक कल्याण मार्ग के अपने आवास में किसी ऐसी जगह लगाएं, जहां से आप सबसे अधिक बार गुजरते हों. ताकि इस आईने में अपनी शक्ल बार बार देख आप अपनी असली चेहरे को पहचानने की कोशिश कर सकें.

विक्रम उसेंडी को भी आईना

इधर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी को भी एक पत्र लिखा है-

श्री विक्रम उसेंडी जी
सप्रेम अभिवादन

कहते है दर्पण झूठ नहीं बोलता. मैं आपको यह आईना भी इसलिए भेज रहा हूं ताकि उसमे आप भारतीय जनता पार्टी की हकीकत को देख सके. चाल, चरित्र और चेहरा कैसे बदला है? पिछले पंद्रह सालो में भाजपा के माथे में लगे कुशासन और भ्रष्टाचार के कलंक के टीके को देख कर कुछ आत्मग्लानि महसूस कर सके.

हालांकि मेरी यह सदिच्छा है लेकिन भाजपा जिस आत्ममुग्धता के अतिरेक में जी रही है मझे और छत्तीसगढ़ के लोगो को नही लगता कि आप इस आईने के समाने खड़े हो कर आत्म अवलोकन करने का साहस दिखाएंगे यदि साहस दिखा भी दिया तो इस बात की गुंजाइश भी कम ही लगती है आप इसकी सार्वजनिक स्वीकारोक्ति करेगे.

फिर भी इस प्रदेश और देश का जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मुझे आपको आईना देखने की सलाह देनी चाहिए क्योंकि यह मेरा कर्तव्य है और समूचे प्रदेशवासियों के समान मेरा क्रोध भी जिसने 15 वर्षों तक आपकी सरकार के कुशासन को भोगा है.

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