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ओडिशा: गरीब को शव वाहन नहीं मिलता

भुवनेश्वर | समाचार डेस्क: ओडिशा की पहचान एक ऐसे राज्य के रूप में होती जा रही है जहां गरीब को शव वाहन नहीं मिलता है. इसी कारण से एक पिता को अपनी बेटी का शव 15 किलोमीटर दूर तक ढोना पड़ा. अभी ओडिशा के कालाहांडी के भवानीपट्टनम के दाना मांझी द्वारा अपने पत्नी के शव को ढकर ले जाने की घटना पर ठीक से मरहम भी नहीं लगा था कि एक और घटना घट गई.

इस बार ओडिशा के अंगुल में फिर से ऐसी ही घटना देखने को मिली. यहां सरकारी अस्पताल में मौत के बाद जब प्रशासन ने गाड़ी देने से मना कर दिया तो मजबूर पिता कंधे पर बेटी के शव को लेकर निकल पड़ा और 15 किलोमीटर के सफर के बाद वह घर पहुंचा. मीडिया में यह मामला आने के बाद जिला प्रशासन ने दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है.

A father carries her daughters dead body on his shoulders for 15 kms in Angul Odisha

पालाहाड़ा कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर में इलाज के दौरान गति ढीबर की बेटी की मौत हो गई. शोक में डूबे पिता ने गरीबी का हवाला देते हुए अस्पताल कर्मचारियों से शव को घर पहुंचाने में मदद मांगी. आरोप है कि उस अस्पताल ने शव ले जाने के लिए एंबुलेंस देन से इनकार कर दिया. जिसके बाद मजबूर पिता को इस तरह से शव को ले जाना पड़ा.

मामले को तूल पकड़ता देख डिप्टी कलेक्टर के आदेश पर सुरक्षा गार्ड और अस्पताल के मैनेजर को सस्पेंड कर दिया गया. अंगुल के डीएम अनिल कुमार सामल ने कहा, “डिप्टी कलेक्टर को मौके पर भेजा गया है. उन्होंने पीड़ित परिवार से बात की है. रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा गार्ड और मैनेजर को सस्पेंड कर दिया गया है. एसडीएमओ से भी सफाई मांगी गई है.”

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