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पुलिस मुठभेड़ में 8 माओवादी मारे गये

रायपुर | संवाददाता: पुलिस ने एक मुठभेड़ में कम से कम 8 माओवादियों के मारे जाने का दावा किया है. मारे गये माओवादियों से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किये गये हैं. पुलिस का कहना है कि मारे गये माओवादी तेलंगाना में कार्यरत सीपीआई माओवादी से अलग हो कर बनाये गये सीपी संगठन के हो सकते हैं.पुलिस का कहना है कि चारु मजूमदार के दौर में नक्सल आंदोलन में काम कर चुके चंद्रपुल्ला रेड्डी ने पीपुल्स वार ग्रूप से अलग अपना संगठन बनाया था. यह अत्यंत छोटा संगठन था और चंद्रपुल्ला रेड्डी की मौत के बाद सीपी नाम से यह संगठन कार्यरत था, जिसका मुख्य काम लोगों के झगड़े निपटाना और लेवी वसूलना था.

माओवादियों के खिलाफ चलाये जा रहे पुलिस के अभियान में इस महीने यह दूसरी बड़ी सफलता है. इससे पहले गढ़चिरौली में सात माओवादी मारे गये थे.

पुलिस के अनुसार मुठभेड़ की यह घटना तेलंगाना के भाद्राद्री जिले में हुई. टेकुलापाली के मामीडीगुडेम गांव में सुरक्षाबलों का एक दस्ता हुजर रहा था, उसी समय माओवादियों ने गोलीबारी शुरु कर दी. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में आठ माओवादी मारे गये.

मारे गये माओवादियों से पुलिस ने 2 एसएलआर, 8 एमएम की एक पिस्टल और 12 बोर की दो बंदूक बरामद की है. पुलिस का कहना है कि सीपी संगठन के इन लोगों के मारे जाने के बाद राज्य में सीपी संगठन का अस्तित्व संभवतः खत्म हो चुका है.

पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में पुलिस और माओवादियों की मुठभेड़ में पांच महिला माओवादी समेत कुल सात माओवादी मारे गए थे. महाराष्ट्र-तेलंगाना सीमा के नजदीक गढ़चिरौली जिले के जंगल में पुलिस जवानों की टुकड़ी गश्त कर रही थी. माओवादियों ने गश्त कर रहे जवानों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी. जवानों ने भी माओवादियों की गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया और जवाबी कार्रवाई में सात माओवादियों मारे गए.

इस साल छत्तीसगढ़ में भी पुलिस का आपरेशन माओवादियों पर भारी पड़ा है. माओवादियों ने अपने बयानों में भी स्वीकार किया है कि राज्य सरकार की आक्रमक नीतियों के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है. राज्य के गृहमंत्री रामसेवक पैंकरा ने दावा किया है कि 2022 तक राज्य से नक्सलवाद का समूल नाश कर दिया जायेगा.

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