राष्ट्र

मोदी लहर पर भारी, केजरीवाल

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: दिल्ली विधानसभा की 70 में से 67 सीटे जीतकर केजरीवाल ने ‘मोदी लहर’ की याद को धुंधला कर दिया है. लोकसभा चुनाव में काशी में प्रधानमंत्री मोदी के हाथों पराजित अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली में ही भाजपा पार्टी को बुरी तरह पराजित कर दिया. यहां तक कि आम आदमी पार्टी के एक अंजाने से उम्मीदवार से भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी तक हार गई. कांग्रेस को तो आम आदमी पार्टी ने अपना खाता तक नहीं खोलने दिया. जाहिर है कि लोकसभा चुनाव के बाद भी हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड तथा जम्मू-कश्मीर में जलवे दिखाने वाली भाजपा राजधानी में औंधे मुंह गिर पड़ी. देश की राजधानी में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने एक साल बाद शानदार वापसी करते हुए केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है. 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में आप ने रिकॉर्ड 67 सीटें जीती, जबकि लोकसभा चुनाव में सातों सीटें जीतने वाली भाजपा महज तीन सीटों पर सिमट गई और 15 साल सरकार चलाने वाली कांग्रेस खाता तक नहीं खोल पाई.

इस शानदार जीत को लेकर आप के कार्यकर्ता राष्ट्रीय राजधानी व अन्य शहरों में जीत का जश्न मना रहे हैं. आप के शानदार प्रदर्शन पर पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को हर तरफ से बधाइयां और शुभकामनाएं मिल रही हैं. चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने वाले और उन्हें ‘अराजकतावादी’ कहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन कर आप नेता को बधाई दी. साथ ही दिल्ली में बनने वाली आप सरकार को केंद्र की ओर से पूरी मदद का भरोसा भी दिया.

देश में विधानसभा की कुल सीटें 4,120 है, जबकि इसमें दिल्ली का हिस्सा 70 ही है. आप की इस शानदार जीत पर विपक्षी पार्टियां और यहां तक कि भाजपा की सहयोगी शिवसेना के नेता भी मोदी पर चुटकी लिए बिना नहीं रह सके.

दिल्ली में पिछले साल 49 दिन की सरकार बनाने के बाद इस्तीफा देने और इसके बाद वर्ष 2014 में हुए आम चुनाव में मुंह की खाने के बाद भारत की इस सबसे नई पार्टी ‘आप’ विधानसभा में 96 फीसदी सीटों पर जीत दर्ज करने वाली सबसे बड़ी पार्टी बन गई है, जो एक रिकॉर्ड है.

वर्ष 2012 में आप का गठन करने वाले केजरीवाल को इस जीत ने भावुक कर दिया. दिल्ली से सटे गाजियाबाद के कौशाम्बी स्थित आवास में उनकी आंखों में खुशी के आंसू देखे गए और वह अपने कई साथियों से गले मिले. इस बीच लोगों के बीच से ‘पांच साल केजरीवाल’ के नारे भी सुनाई दे रहे थे.

केजरीवाल ने पहली बार अपनी पत्नी सुनीता को भीड़ से परिचित कराया. उन्होंने जीत का श्रेय मतदाताओं और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिया. उन्होंने कहा, “यह आम आदमी पार्टी की जीत नहीं, सच्चाई और ईमानदारी की जीत है.”

दिल्ली के कई इलाकों में सड़कों पर जाम लग गया, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर निकल आए.

आप की सुनामी में न तो भाजपा के धुरंधर बच पाए और न ही कांग्रेस के. भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी, जिन्हें स्वयं प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने चुना था, वह भी कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र से आप प्रत्याशी एस.के. बग्गा से चुनाव हार गईं.

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का चेहरा अजय माकन भी सदर बाजार विधानसभा सीट से हार गए हैं. उन्हें आप प्रत्याशी सोम दत्त ने हराया. यहां भाजपा के प्रवीण कुमार जैन दूसरे स्थान पर रहे.

आप के शानदार व ऐतिहासिक प्रदर्शन ने सभी को अचंभित कर दिया है. यहां तक कि स्वयं आप नेताओं को भी इसका अंदाजा नहीं था. दिल्ली की पूर्ववर्ती आप सरकार में मंत्री रह चुके मनीष सिसौदिया ने कहा, “यह असाधारण जीत है. हमें भी यकीन नहीं हो रहा.”

वहीं, पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने मुहावरे का इस्तेमाल करते हुए इसे ‘बड़ी ताकत पर छोटी ताकत की जीत’ बताया. उन्होंने आप सदस्यों को चेताया भी कि वे आसमान में न उड़ें, बल्कि अपने पांव जमीन पर रखें.

आप ने कहा है कि केजरीवाल इस्तीफा देने के ठीक एक साल बाद शनिवार को फिर से दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे. वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी, जिसमें कम से कम 30 कमांडो होंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!