राष्ट्र

माफिया सरगना अबू सलेम को सजा

हैदराबाद | एजेंसी: सीबीआई की अदालत ने गुरुवार को पूर्व माफिया सरगना अबू सनेम को फर्जी पासपोर्ट के मामले मे सात साल की सजा सुनाई है. फैसला सुनाए जाने के लिए अबू सलेम को मुंबई की जेल से न्यायालय कक्ष में पेश करने के लिए लाया गया था. बाद में उसे मुंबई वापस भेज दिया गया. सलेम मुंबई जेल में अन्य आरोपों में सजा काट रहा है. मामला 2001 का है जब अबू सलेम ने आंध3प्रदेश के करलूल जिले से फर्जी नाम और पते के आधार पर पासपोर्ट बनवाया था.

पुर्तगाल से प्रत्यर्पण करके भारत लाए गए सलेम को अदालत ने 18 नवंबर को आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और जालसाजी का दोषी ठहराया था. सरकारी वकील ने बताया कि सलेम इस आरोप में पहले ही छह साल जेल की सजा काट चुका है. सलेम ने फर्जी पासपोर्ट हासिल करने के लिए जाली जन्म प्रमाणपत्र और आवास प्रमाणपत्र पेश किए थे.

इतिहास

अबू सलेम मूलतः उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है. पहले वह माफिया डान दाऊद इब्राहीम का शागिर्द था. अबू सलेम का हाथ मुंबई धमाको में था तथा संगीतकार गुलशन कुमार की हत्या में भी अबू सलेम का हाथ बताया जाता है. अबू सलेम पर करीब 50 मामले हैं. खबरों के अनुसार उसने फिल्मकार राकेश रौशन तथा राजीव राय को भी मारने की कोशिश की थी.

20 सितंबर 2002 को अबू सलेम को पुर्तगाल के लिस्बन में इंटरपोल ने गिरफ्तार किया था. उनके साथ उनकी महिला मित्र मोनिका बेदी को भी इंटरपोल ने गिरफ्तार किया था. 2005 में पुर्तगाली सरकार ने अबू सलेम को भारत को इसलिये सौंप दिया कि उस पर मुंबई हमलों का केस चलाया जा सके. उस समय तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने पुर्तगाल सरकार को भरोसा दिलाया था कि अबू सलेम को भारत में मृत्युदंड नही दिया जायेगा.

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