छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के अमरदास को अकादमी अवार्ड

रायपुर | संवाददाता: केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी का राष्ट्रीय पुरस्कार वर्ष 2014, में थियेटर म्यूजिक के लिए छत्तीसगढ़ निवासी नया थियेटर के वरिष्ठ कलाकार अमरदास मानिकपुरी को मिला. मांदर, ढोलक, तबला, खंझेरी, नंगारा जैसे ताल वाद्यों के उस्ताद ग्राम कोलिहापुरी जिला राजनांदगांव के रहने वाले अमरदास मानिकपुरी 12 साल की उम्र में नाचा के प्रख्यात कलाकार पिता बरसन दास मानिकपुरी के साथ खड़े साज नाचा के दौरान मशाल की रौशनी में चिकारा के साथ ढोलक फिर बाद में कमर में तबला बांधकर कर संगत करते थे.

बैठका साज में 17 साल की उम्र में नाचा के महान कलाकार दुलार सिंह साव उर्फ़ दाऊ मंदराजी के साथ प्रमुख संगत कर पश्चात 1971 में रंगमंच के महान पुरोधा पद्मभूषण हबीब तनवीर के आग्रह और आमंत्रण पर जो नया थियेटर से जुड़े तो पूरी जिंदगी वहीँ हिन्दुस्तानी थियेटर को समृद्ध करते हुए गुज़ार दी.

चरण दास चोर, आगरा बाज़ार, मिटटी की गाडी, मोर नाव दमांद गाँव के नाव, ससुराल कामदेव का, अपना बसंत ऋतू का सपना, मुद्रा राक्षस, वेणी सम्हारम सडक राजरक्त देख रहे हैं, नैन लाला शोहरत राय आदि नाटकों के रंग संगीत के संयोजन में विशेषकर ताल संयोजन में अमरदास जी की प्रमुख भूमिका रही है.

इंग्लैण्ड, जर्मनी, फ़्रांस, हालैंड, रूस, ग्रीस, बांग्लादेश, युगोस्लाविया आदि अनेक देशों में आपने अपने कला कौशल से प्रेक्षकों एवं सुधि श्रोताओं से सराहना अर्जित की है. पृथ्वी थियेटर ने भी रंगमंच में इनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए वर्ष 2003 में प्रसिद्ध अभिनेता शशि कपूर के हाथो अमरदास जी को सम्मानित किया था.

छत्तीसगढ़ के पारम्परिक कलाकारों ने हिंदी रंगमंच को ना केवल समृद्ध किया बल्कि अंतर्राष्ट्रीय फलक में भी भारतीय रंगकर्म की विशिष्ट पहचान बनाने में अपनी महती भूमिका निभाई. भारतीय रंगमंच में इनके योगदान का सम्मान प्रदान करना देश एवं प्रदेश के लिए गौरव की बात है.

error: Content is protected !!