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आरक्षण पर भड़के जोगी

रायपुर | छत्तीसगढ़ संवाददाता: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी के जाति आधारित आरक्षण समाप्त करने के बयान का विरोध किया है. अनुसूचित जनजाति महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत जोगी ने कहा कि सामान्य वर्ग में जो लोग गरीब हैं उनके लिए जातिगत आरक्षण के अलावा अतिरिक्त आरक्षण का प्रावधान किया जाए. अल्प संख्यकों के लिए भी इसी तरह का आरक्षण का प्रावधान हो.

श्री जोगी ने बुधवार को अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि समाज में व्याप्त असमानता को दूर करने आरक्षण की व्यवस्था की गई है. संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर व देश के कई बड़े विद्वानों ने इस पर लंबी चर्चा कर आरक्षण की व्यवस्था दी है. इसे समाप्त करना गलत है. उन्होंने इस संबंध में पार्टी के भीतर कोई बहस या चर्चा न कर उसे वहीं विराम देने का आग्रह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी से किया है.

उन्होंने निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण के विस्तार पर जोर देते हुए कहा कि आजादी के 67 वर्षों बाद भी दलित, आदिवासी एवं पिछड़े वर्ग की जो स्थिति है वह किसी से छिपी नहीं है. शिक्षा व सरकारी नौकरी के क्षेत्र में इन वर्गों का प्रतिशत उनकी आबादी के अनुपात में बहुत ही कम है. भारत में करीब 5 हजार वर्षों से चली आ रही गैर बराबरी को कुछ हद तक कम करने के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है. आरक्षण उन वर्गों का अधिकार है. आरक्षण का प्रावधान न होने पर समाज में असंतोष इतना बढ़ जाता कि उसे रोकना मुश्किल हो जाता.

श्री जोगी ने कहा कि देश में जब तक दोहरी शिक्षा प्रणाली बनी रहेगी तब तक दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यकों को उचित भागीदारी नहीं मिल पाएगी. देहरादून के दून स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चे की बराबरी दक्षिण बस्तर के गादीरास गांव में शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चे नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि वे आरक्षण का समर्थन करते हैं. जाटो को भी आरक्षण देने पर विचार किया जा रहा है. आरक्षण समाज की रीढ की हड्डी रही है, इसे खत्म न किया जाए.

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