छत्तीसगढ़

जोगी की जाति की जांच 6 मार्च तक

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति के मामले की जांच छह मार्च तक पूरी करने के निर्देश दिए हैं. पिछले साल मई में हाईकोर्ट ने छह माह में जांच पूरी करने के लिए कहा था, लेकिन जांच पूरी नहीं हो सकी. इसके बाद हुई सुनवाई पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई और इसकी जांच के लिये छह मार्च तक का समय दिया.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति के मामले में ऊपरी अदालत ने उच्च स्तरीय स्टैंडिंग कमेटी को छह महीने के अंदर जाँच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था. मई में न्यायाधीश यतींद्र सिंह और प्रितिंकर दिवाकर की पीठ ने भाजपा नेता बनवारी लाल अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए जोगी की जाति से संबंधित अब तक के सभी रिकार्ड दो दिन के भीतर पेश करने के आदेश दिये थे.

उल्लेखनीय है कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बनवारी लाल अग्रवाल ने 11 जुलाई, 2002 को अजीत जोगी के विरुद्ध फर्जी जाति प्रमाण पत्र लेने का आरोप लगाते हुये जनहित याचिका दायर की थी. उस समय इस मामले में तत्कालीन न्यायमूर्ति पी.सी. नायक और न्यायमूर्ति फखरूद्दीन की अदालत ने अपने आदेश में इसकी सुनवाई से बिना कोई कारण बताए इनकार कर दिया था.

बाद में लगभग 10 साल बाद हाईकोर्ट के जस्टिस सुनील कुमार सिन्हा ने पूर्व में अजीत जोगी का वकील होने का हवाला देते हुये अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था.

इससे पहले 13 अक्टूबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को आदेश दिया था कि वह अजीत जोगी की जाति के पूरे मामले की हाई पावर कमेटी से जांच कराये. अदालत ने कहा था कि अजीत जोगी की जाति पर निर्णय राज्य-स्तरीय छानबीन समिति सर्वोच्च न्यायालय द्वारा माधुरी पाटिल प्रकरण में निर्धारित विधि के अनुसार करेगी और अपनी रिपोर्ट 3 महीने के अन्दर उसे सौपेगी. इसके बाद अजीत जोगी ने अदालत के इस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी.

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