कलारचना

‘मुकद्दर के सिकंदर’ को ‘अभिमान’ नहीं

दुबई | मनोरंजन डेस्क: ‘सात दिन्दुस्तानी’ के माध्यम से बालीवुड में प्रवेश करने वाले ‘लाल बादशाह’ ‘अमर अकबर एंथोनी’ के एंथोनी को ‘डॉन’ बनने के बाद भी ‘अभिमान’ छू तक नहीं सका है. अमिताभ ने बालीवुड में ‘जंजीर’ तोड़ी, ‘दीवार’ फांदे, ‘चुपके-चुपके’ और ‘कभी-कभी’ ‘आनंद’ भी बने परन्तु उसके बाद भी उनमें अहंकार नाम की चीज नहीं है. इतना जरूर है कि फिल्म ‘अभिमान’ तथा ‘शमिताभ’ में अमिताभ अहंकारी बने हैं परन्तु अपने असल जिंदगी के शब्दकोश में अहंकार नाम का शब्द नहीं है. अमिताभ अपने आप को सभी की तरह साधारण इंसान मानते हैं जो अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिये फिल्मों में अभिनय कर रहा है. महानायक अमिताभ बच्चन का मानना है कि अभिनय के पेशे में कोई अहंकार नहीं होता. 72 वर्षीय अमिताभ ने यहां ‘शमिताभ’ के प्रचार के बाद अपने आधिकारिक ब्लॉग ‘एसआरबच्चन डॉट टंब्लर डॉट कॉम’ पर अपने विचार रखे. ‘शमिताभ’ की कहानी दो व्यक्तियों के इर्दगिर्द घूमती है, जो एक मकसद के लिए साथ तो होते हैं, लेकिन अपने अहंकार की वजह से अलग-थलग रहते हैं.

अमिताभ ने ब्लाग पर लिखा, “नहीं, हमारे पेशे में अहंकार नहीं है. मैं औरों की नहीं जानता, लेकिन कम से कम मैं तो अहंकारी नहीं हूं. मुझे अहंकार, आत्म-निष्ठा, आत्म दंभ शब्द समझ नहीं आते..मैं बाकी सभी की तरह ही एक साधारण इंसान हूं. जीविकोपार्जन के लिए बस कुछ अलग काम कर रहा हूं. मेरे लिए अहंकार का अस्तित्व नहीं है.”

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