कलारचना

‘बालिका वधू’ देश का एपिसोड नं. 1

मुंबई | मनोरंजन डेस्क: बालिका वधू सीरियल भारत का नंबर एक टीवी धारावाहिक बन गया है. आज तक किसी भी टीवी धारावाहिक के 2000 एपिसोड नहीं थे. महिलाओं के ज्वलंत मुद्दे जैसे घरेलू हिसा, वैवाहिक दुष्कर्म और पुनर्विवाह पर बनी धारावाहिक ‘बालिका वधू’ भारतीय टीवी के पर्दे पर साल 2008 से दिखाई जा रही है. आज भी ‘बालिका वधू’ के प्रति दर्शकों का प्रेम कम नहीं हुआ है. जिस कलर्स चैनल पर इसे दिखाया जाता है दरअसल में उसे ‘बालिका वधू’ ने ही पहचान दिलाई है. लोकप्रिय टेलीविजन धारावाहिक ‘बालिका वधू’ 2000 कड़ियां पूरा करने वाला देश का पहला हिंदी धारावाहिक बन गया है. टेलीविजन चैनल ‘कलर्स’ पर पिछले सात सालों से प्रसारित हो रहा है.

चैनल के सीईओ राज नाइक ने कहा, “इतने वर्षो में बालिका वधू हमारे चैनल को पहचान दिलाने वाला सीरियल बन गया है और एक मनोरंजक चैनल के रूप में इसकी सफलता हमारी सफलता की पर्याय बन गई है.”

आगामी सप्ताहों में धारावाहिक की कहानी आनंदी और उसकी बेटी निबोली के बीच अंकुरित होते रिश्ते पर केंद्रित होगी.

‘बालिका वधू’ में आनंदी का किरदार निभा रहीं अभिनेत्री तोरल रासपुत्रा का कहना है कि उन्हें इस किरदार को निभाते हुए कई तरह की भावनाओं से गुजरने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है.

आनंदी की बेटी निबोली का किरदार निभा रही बाल कलाकार ग्रेसी गोस्वामी इसका हिस्सा बनकर काफी खुश है और उसे आशा है कि वह ‘बालिका वधू’ के अंतिम एपिसोड तक इसमें काम करती रहेगी.

कहानी ‘बालिका वधू’ की
यह कहानी आनंदी और जगदीश से शुरू होती है, जिनका बचपन में ही शादी करा दिया जाता है. जब वह दोनों बड़े हो जाते हैं तो जगदीश गौरी से प्यार करने लगता है और आनंदी को तलाक टेकर गौरी से शादी कर लेता है. इसके बाद आनंदी की मुलाक़ात जिलाध्यक्ष शिवराज शेखर से होती है. बाद में वह दोनों शादी कर लेते हैं.

जगदीश को अपने गलती का एहसास होता है और वह घर लौट आता है. तब उसे पता चलता है की आनंदी की शादी हो चुकी है. उसके बाद वह एक गंगा नाम की लड़की से मिलता है. वह भी बाल विवाह की शिकार हुए रहती है. वह उसे बचाता है और उसके बाद उन दोनों शादी कर लेते हैं.

इसके बाद वह उसके बच्चे मन्नू को भी अपना लेता है. उसके बाद वह एक और बेटे अभिमन्यु का बाप बन जाता है. वहीं आनंदी और शिवराज एक बच्चे को गोद लेते हैं और उसे उसके वास्तविक परिवार की तरह देखते हैं. आनंदी और शिवराज के शादी के दो वर्ष के पश्चात ही आतंकवादी शिवराज को मार देते हैं. उसी दौरान आनंदी दो बच्चों को जन्म देती है – शिवम और नंदिनी. इसके बाद गंगा पढ़ाई पूरी कर के एक चिकित्सक बन जाती है.

इसी दौरान आनंदी की बेटी नंदिनी को कोई अपहरण कर लेता है. वह बाद में उस अपहरणकर्ता के बेटे के साथ शादी कर लेती है. आनंदी अपनी बेटी को नहीं खोज पाती है. 11 वर्ष पश्चात आनंदी एक कराते शिक्षिका बन जाती है.

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