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बस्तर में 52 फीसदी मतदान

जगदलपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के बस्तर का चुनाव माओवादियों के चुनाव बहिष्कार और हिंसा के बीच संपन्न हो गया. लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में बस्तर सीट पर लगभग 52 फीसदी मतदान हुआ है. इस दौरान सात स्थानों पर नक्सलियों ने गोलीबारी की और कुछ स्थानों पर आईईडी विस्फोट किए गए, जिसमें एक जवान घायल हो गया.

बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के कई इलाकों में सुरक्षाबल और माओवादियों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं सामने आई हैं. सुरक्षाबल ने दंतेवाड़ा और सुकमा में कई जगहों से विस्फोटक बरामद किये. इन इलाकों में कई जगहों पर माओवादियों ने सड़कों पर यातायात बाधित करने की कोशिश की.

चुनाव आयोग ने पूरे बस्तर में लगभग 52 फीसदी मतदान होने का अनुमान जताया है. लेकिन विधानसभा क्षेत्रों में से कम से कम 5 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां मतदान का प्रतिशत 27-28 फीसदी है. हालांकि इन इलाकों से मतदान दल की वापसी का सिलसिला शनिवार तक चलेगा. इसके बाद ही मतदान के ठीक-ठीक आंकड़े सामने आ पाएंगे.

मतदान के इन आंकड़ों के बीच जो सबसे चुनौतीपूर्ण काम है, वह है मतदान दलों की सुरक्षित वापसी. अब तक के अनुभव बताते हैं कि आमतौर पर मतदान दल की वापसी के समय माओवादियों के हमले कहीं अधिक होते हैं.

बस्तर के जिन इलाकों में मतदान दल गया है, उनमें से कई इतने सुदूर इलाके में हैं कि वहां से बस्तर के मुख्यालय जगदलपुर पहुंचने में दो दिन का समय लग सकता है. सुरक्षाबल इस चुनौती से किस तरह निपटती है, वह बस्तर में मतदान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होगा.

बस्तर संसदीय क्षेत्र में मतदान के लिए कुल 1,797 मतदान केंद्र बनाए गए थे. कोंटा विधानसभा क्षेत्र के पोलमपल्ली मतदान केंद्र में ईवीएम में खराबी के कारण मतदान नहीं हो सका.

बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सात विधानसभा क्षेत्रों कोंडागांव, नारायणपुर, कोंटा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, चित्रकोट और बस्तर में सवेरे सात बजे से दोपहर तीन बजे तक मतदान हुआ, जबकि निर्वाचन क्षेत्र के जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र में सवेरे सात बजे से शाम चार बजे तक वोट डाले गए. मतदान के दौरान 53 मतदान केन्द्रों पर वेबकॉस्टिंग के जरिए आयोग ने मतदान की गतिविधियों पर नजर रखी.

राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील कुजूर ने बताया कि वोटिंग मशीन में खराबी के कारण 26 ई.वी.एम. बदले गए. इनमें से 22 ईवीएम मतदान के पूर्व, 3 ईवीएम मॉकपोल के दौरान और मतदान प्रारंभ होने के बाद एक ईवीएम बदले गए. उन्होंने बताया कि सात स्थानों पर नक्सलियों द्वारा फायरिंग की सूचना प्राप्त हुई है. कुछ स्थानों पर आईईडी विस्फोट की भी जानकारी मिली है, जिसमें एक जवान घायल हुआ है.

बस्तर के नक्सल प्रभावित जंगली इलाकों में मतदान की रफ्तार धीमी रही, लेकिन शहरी इलाकों में तेजी से मतदान हुए.

सुकमा जिले के सात एवं बीजापुर के दो स्थानों सहित 11 स्थानों पर अधिकारियों के देर से पहुंचने के कारण मतदान विलंब से शुरू हुआ. जगदलपुर जिले में भी मतदानकर्मियों के देर से पहुंचने से मतदान में विलंब हुआ.

बस्तर में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार व मौजूदा सांसद दिनेश कश्यप और कांग्रेस के दीपक कर्मा के बीच है. दीपक कर्मा विवादस्पद सलवा जुडूम आंदोलन के संस्थापक महेंद्र कर्मा के बेटे हैं. आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से जिले की आदिवासी महिला (पेशे से शिक्षिका) सोनी सोरी उम्मीदवार हैं.

सोनी सोरी पर नक्सलियों के लिए काम करने का आरोप है. इस समय वह जमानत पर जेल से बाहर हैं. सोनी ने पुलिस हिरासत के दौरान खुद पर हुए जुल्म का खुलासा किया था. उनका आरोप है कि पुलिसकर्मयों ने उनके गुप्तांगों में पत्थर घुसेड़ दिए था और कई तरह अमानवीय शारीरिक यातनाएं दी.

उल्लेखनीय है कि बस्तर लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में दो महिला उम्मीदवारों सहित कुल आठ उम्मीदवार मैदान में हैं. वहां मतदाताओं की कुल संख्या 12,98,971 है. इनमें कुल मतदाताओं में 6,65,290 महिला और 633,681 पुरुष मतदाता हैं.

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