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बस्तर में नेता करवा रहे हैं बीमा

जगदलपुर | आलोक प्रकाश पुतुल: नक्सलियों की दहशत के कारण छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाक़े में राजनीतिक दलों ने अपने कार्यकर्ताओं का जीवन बीमा कराना शुरू कर दिया है.

राजनेता इसे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने वाला बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं को हरसंभव सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है. गौरतलब है कि राज्य में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों के संभावित प्रत्याशियों ने बेशक तैयारियां शुरू कर दी हों लेकिन राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता इन ग्रामीण इलाक़ों में जाने से हिचक रहे हैं. बस्तर में विधानसभा की 12 सीटें हैं, जहां सीपीआई-माओवादी की मज़बूत पकड़ है. कुछ इलाक़ों पर माओवादी अपनी जनता सरकार के क़ब्ज़े का दावा करते रहे हैं.

पिछले चुनावों तक तो इन इलाक़ों में माओवादियों के चुनाव बहिष्कार का नारा बेअसर रहा है. छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा वोटिंग यहां देखने को मिली है. लेकिन इस बार हवा बदली हुई है.

मई में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हुए नक्सली हमले में 35 लोगों के मारे जाने के बाद सियासी दलों पर गहरा असर पड़ा है. मारे गए लोगों में पूर्व मंत्री विद्याचरण शुक्ल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, आदिवासी नेता महेंद्र कर्मा भी शामिल थे.

इसके चलते राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता चुनाव प्रचार को लेकर डरे हुए हैं. इस स्थिति में राजनीतिक कार्यकर्ताओं को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए जीवन बीमा करा रहे हैं.

अकेले बस्तर के भाजपा विधायक संतोष बाफ़ना अब तक अपने 150 से अधिक कार्यकर्ताओं का जीवन बीमा करा चुके हैं. ये बीमा अगले छह महीने तक प्रभावी रहेगा. किसी भी तरह की दुर्घटना की स्थिति में प्रभावित कार्यकर्ता के परिजनों को अधिकतम पांच लाख रुपए तक की बीमा राशि दी जाएगी.

संतोष बाफ़ना कहते हैं, “भारतीय जनता पार्टी के ऐसे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना ज़रूरी है, जो नक्सल प्रभावित गावों में रहते हैं या काम करते हैं. यही कारण है कि हमने ऐसे कार्यकर्ताओं का जीवन बीमा कराना शुरू किया है. आख़िर कार्यकर्ताओं को लगना चाहिए कि उनके साथ दुर्घटना की स्थिति में पार्टी उनके परिजनों की मदद करेगी.”

लेकिन सभी राजनीतिक दल इस तरीक़े से सोच रहे हैं, ऐसा नहीं है. बस्तर के वामपंथी नेता मनीष कुंजाम कहते हैं, ”पैसे वाली पार्टियों के लिए तो ऐसा करना संभव है लेकिन हमारे जैसे लोग तो इस बारे में सोच भी नहीं सकते.”

वहीं इलाके की पुलिस भी मानती है कि बस्तर में नक्सलवादियों की दहशत है लेकिन वो राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को हरसंभव सुरक्षा देने की बात भी कह रही है.

बस्तर के एसपी अजय यादव कहते हैं, ”पुलिस ख़ुद गहरे जंगलों में बसे गांवों में जाकर काम कर रही है. पूरा बस्तर संवेदनशील इलाक़ा है. हम सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को सुरक्षा दे रहे हैं. ”

वह आगे कहते हैं, ”अगर राजनीतिक दलों से जुड़े लोग अपना जीवन बीमा करा रहे हैं तो यह उनका ख़ुद का फ़ैसला है.”

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