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भगत सिंह की पगड़ी से परिवार नाराज

रायपुर | संवाददाता: रायपुर में शहीद भगत सिंह की प्रतिमा की हैट हटाने पर विवाद जारी है. एक बड़ा वर्ग मानता है कि शहीद भगत सिंह की पहचान उनकी हैट रही है और उन्हें पगड़ी पहना कर उन्हें खास धर्म के दायरे में कैद किया जाना ठीक नहीं है. इससे पहले भी देश में भगत सिंह की हैट और पगड़ी को लेकर विवाद होता रहा है. लेकिन शहीद भगत सिंह के परिजन और उन पर शोध करने वाले लोग मानते हैं कि भगत सिंह की हैट वाली प्रतिमा या तस्वीर ही सर्वमान्य है.

इससे पहले संसद में भी भगत सिंह की पगड़ी वाली प्रतिमा लगाये जाने पर भगत सिंह के भतीजे जगमोहन सिंह ने भी कड़ी आपत्ति और नाराजगी जताई थी. जगमोहन सिंह के अनुसार उनके चाचा को लोग सिर पर पहने यूरोपीय हैट से ही हमेशा पहचानते आए हैं. जब भगत सिंह आठ अप्रैल 1929 को नेशनल असेंबली में बम फेंकने गए थे तब उन्होंने यह हैट संदेश के तौर पर चुना था. जगमोहन सिंह का कहना था कि लाखों भारतीय उन्हें उनके हैट से ही ठीक उसी तरह पहचानते हैं, जिस तरह महात्मा गांधी को उनके चश्मे और लाठी से पहचाना जाता है.

भगत सिंह के छोटे भाई कुलतार सिंह की बेटी वीरेंद्र सिंधू ने भी पगड़ी वाली प्रतिमा पर आपत्ति करते हुये कहा था कि यह प्रतिमा शहीद के तौर पर उनकी वास्तविक छवि को प्रदर्शित नहीं करती है.

शहीद भगत सिंह शोध समिति के अध्यक्ष और भगत सिंह के जीवनी लेखक जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर चमनलाल का कहना है कि भगत सिंह की अब तक चार विभिन्न प्रकार की तस्वीरें सामने आई हैं. जिस तस्वीर में शहीद-ए-आजम सिर पर टोपी पहने दिखाई देते हैं, वह उनकी अंतिम तस्वीर है. उनके अनुसार भगत सिंह ने यह तस्वीर गोरी हुकूमत के पब्लिक सेफ्टी और ट्रेड डिस्प्यूट बिल के विरोध में केंद्रीय असेंबली यानी वर्तमान संसद भवन में बम फेंकने से पहले खिंचवाई थी. यह फोटो दिल्ली के कश्मीरी गेट स्थित एक स्टूडियो में खींची गई थी.

चमनलाल का कहना है कि भारतीय जनमानस और यहां तक कि पाकिस्तान में भी शहीद-ए-आजम की यही फोटो सर्वाधिक लोकप्रिय है. उनका कहना है कि भगत सिंह की यह अंतिम फोटो उस समय की है, जब वह 21 साल के थे. तीन अन्य तस्वीरों में से एक में भगत सिंह लाहौर में पुलिस हिरासत में एक चारपाई पर बैठे दिखाई देते हैं. भगत सिंह की यह तस्वीर मई 1927 में उस समय खींची गई, जब वह 20 साल के थे. इस फोटो में भगत सिंह के हाथों में हथकड़ी है और उन्होंने सिर पर पगड़ी नहीं पहन रखी है.

प्रोफेसर चमनलाल के अनुसार इससे पहले भगत सिंह की एक तस्वीर नेशनल कालेज लाहौर की है, जिसमें वह 17 साल की उम्र में नाटक समूह के साथ कुर्ता-पायजामा और सफेद पगड़ी में दिखाई देते हैं. भगत सिंह की सबसे पहली तस्वीर उस समय की है जब वह 11 साल के थे. यह तस्वीर संभवत: उनके लायलपुर स्थित घर में खींची गई थी. चमनलाल की राय है कि भगत सिंह को पगड़ी में दिखाने का मकसद उन्हें क्षेत्रीय और सांप्रदायिक दायरे में सीमित रखना है. निश्चित रूप से यह फूट डालने वाली राजनीति है.

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