राष्ट्र

“हमारे देश का भाग्य हम ही बनायेंगे”: मोहन भागवत

कानपुर | समाचार डेस्क: आरएसएस के सर संघ चालक मोहन भागवत ने कानपुर में कहा हमारे देश का भाग्य हम ही बनायेंगे. स्वंयसेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने उनसे कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य शक्ति प्रदर्शन करना नहीं बल्कि अनुशासन तथा आत्म संयम सीखना है. उन्होंने भारत के बारे में कहा कि पूर्व में हम दुनिया में अग्रणी थे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि हम जानते हैं कि हम और हमारे देश का भाग्य, हमें ही बनाना पड़ेगा. कोई दूसरा हमारा भाग्य नहीं बनाएगा.

भागवत रविवार को आरएसएस कानपुर प्रान्त द्वारा रेलवे ग्राउण्ड में आयोजित राष्ट्र रक्षा संगम संघ को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्य शक्ति प्रदर्शन नहीं आत्म दर्शन होता है और उद्देश्य अनुशासन एवं आत्म संयम होता है.

सरसंघचालक ने कहा कि हमारा देश दुनिया में कभी भी पीछे नहीं था. हम बलवान, प्रतिभावान थे. किन्तु मुट्ठीभर लोगों ने हमें पदाक्रांत किया.

उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता अम्बेडकर ने अपने भाषण में कहा था कि हमारे स्वार्थो, भेदों, दुर्गुणों के चलते हमने अपने देश को चांदी की तस्करी में देश भेंट कर दिया. भागवत ने कहा कि जब तक स्वार्थो से ऊपर उठकर हम बंधु भाव से समाज नहीं बनाते, तब तक संविधान हमारी रक्षा नहीं कर सकता.

उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण समाज एक करना, गुण सम्पन्न, संगठित समाज देश के भाग्य परिवर्तन की मूलभूत आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति सबको साथ लेकर चलती है. इस संस्कृति को ही हिन्दू कहते हैं. हम सबको अपनी विविधताओं, विशेषताओं को बनाए रखते हुए एक साथ खड़ा होना होगा तब ही अपना देश दुनिया को रास्ता दिखा सकता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!