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मैं आपके स्तर का नहीं जोगी जी-भूपेश

रायपुर | संवाददाताः भूपेश बघेल ने कहा है कि वे अजीत जोगी जैसे नहीं हो सकते. अजीत जोगी द्वारा भूपेश बघेल को स्तरहीन बताये जाने के बाद भूपेश ने अजीत जोगी पर निशाना साधा है.

भूपेश बघेल ने एक खुला पत्र लिखते हुये कहा है कि “मुझे आज हार्दिक खुशी है कि मैं आपके स्तर का नहीं. मैं लाख चाहूं तो भी आपके स्तर पर जाकर न झूठ बोल सकता हूं, न अपनी पार्टी की पीठ में छुरा भोंक सकता हूं और न लोकतंत्र का चीरहरण कर सकता हूं.”

उन्होंने अजीत जोगी को संबोधित करते हुए कहा है कि आप पर बरसों से आरोप है कि आप आदिवासी नहीं. लेकिन आप आदिवासी होने का फर्जी प्रमाण पत्र लिए घूम रहे हैं. अदालत में चुनौती दी गई तो सरकार के साथ सांठगांठ करके उस पर फैसला तक नहीं होने दे रहे. जब आपके परिजन आदिवासी नहीं तो आप कैसे आदिवासी हो सकते हैं?

आदिवासी
बघेल ने लिखा है- मुझे याद है कि वर्ष 2013 के चुनावों से पहले जब जांच समिति ने आपके आदिवासी न होने की रिपोर्ट दे दी थी तब आपने रमन सरकार के साथ कैसे समझौता किया और रमन सिंह जी ने अकारण ही रिपोर्ट वापस ले ली. अब फिर से रिपोर्ट आएगी, हो सकता है कि आपके सहयोग से तीन कार्यकाल तक सत्ता में काबिज भाजपा के मुख्यमंत्री आपसे बचाव के लिए आगे आ जाएं. लेकिन हमें न्यायपालिका पर भरोसा है. उम्मीद है कि न्यायालय दूध का दूध पानी का पानी करेगी.

उन्होंने बिना नाम लिए उनके बेटे के विवादित जन्म प्रमाण पत्र पर भी सवाल उठाए हैं और जग्गी हत्याकांड में उनकी लिप्त होने पर भी. उन्होंने लिखा है, “मेरे पास आपकी तरह बेटे के जन्म के तीन प्रमाण पत्र भी नहीं. हर प्रमाण पत्र में जन्म की जगह अलग-अलग? यह कैसे कर पाते हैं आप जोगी जी? न मेरे बेटे पर हत्या का आरोप है. आपके मुख्यमंत्री रहते एनसीपी के नेता रामावतार जग्गी की हत्या कैसे हुई, किसने करवाई, यह मामला अभी भी न्यायालय में है और आपका बेटा अभी भी जमानत पर है, तो किसने की जग्गी की हत्या जोगी जी?”

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है, “मैं अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों से राजनीति से निपटता हूं, उनकी हत्या करवाने का षडयंत्र न मेरे जहन में आता है और न यह मेरी चरित्र का हिस्सा है.”

कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी के अहसानों की याद दिलाते हुए श्री बघेल ने कहा है कि जैसा धोखा उन्होंने पार्टी को दिया वह अक्षम्य है. उन्होंने लिखा है, “आपको पार्टी ने राज्यसभा में भेजा, लोकसभा का चुनाव लड़ने का मौका दिया, आपको राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाकर आपका कद बढ़ाया. फिर झूठा आदिवासी होने के बाद भी आपको छत्तीसगढ़ का पहला मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन आपने क्या किया? कभी आदिवासी प्रमाण पत्र को लेकर तो कभी खुद मुख्यमंत्री बनने के लालच में आपने भाजपा के मुख्यमंत्री रमन सिंह से समझौते किए और कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराने का षडयंत्र किया.”

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने अंतागढ़ चुनाव में अजीत जोगी और रमन सिंह के परिवारों की भूमिका का भी जिक्र किया है जिसकी वजह से पिता-पुत्र को पार्टी से बाहर जाना पड़ा. उन्होंने लिखा है, “हद तो तब हो गई जब आपने वर्ष 2014 में अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी मंतूराम पवार को भाजपा के हाथों बेच दिया. ऑडियो टेप ने जाहिर कर दिया है कि कैसे आपके बेटे ने मुख्यमंत्री के दामाद पुनीत गुप्ता के साथ मिलकर कांग्रेस प्रत्याशी को सात करोड़ में खरीदा. सिर्फ इसलिए कि कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते मेरा कद बढ़ न जाए? आपने उस पार्टी की पीठ में छुरा भोंका जिसने आपको बड़ा बनाया, हर उतार चढ़ाव में आपका साथ दिया.”

बघेल लिखते हैं, “आपने दरअसल हमारी नेता श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी जी के साथ अक्षम्य धोखा किया है. आपको तो उस परिवार का ऋणी होना चाहिए था लेकिन आप ऐसे दगाबाज कैसे हो गए जोगी जी?” श्री बघेल ने अपने जवाब में कहा है, “मैं जयचंद कभी नहीं हो सकता.”

कार्यकाल
मुख्यमंत्री के रूप में अजीत जोगी के कार्यकाल का जिक्र करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है, “छत्तीसगढ़ में जातिवाद का जो जहर आपने बोया वह अक्षम्य है. आपने हमारे कारोबारी भाइयों के मन में डर पैदा कर दिया कि कहीं उन्हें कारोबार समेटकर भागना न पड़े. आपने न कर्मचारियों को बख्शा और न राजनेताओं को. आपने अपनी ही पार्टी के आदिवासी और अनुसूचित जाति के एक-एक नेता की राजनीति खत्म कर दी. आपमें सर्वशक्तिमान होने का जूनून सवार है और आप उसके लिए किसी भी स्तर तक नीचे गिर सकते हैं. मैं इतना नीचे गिरने की कल्पना भी नहीं कर सकता.”

श्री बघेल ने लिखा है, “आप मेरे आदर्श कभी नहीं थे. आप दरअसल किसी के आदर्श नहीं हो सकते. छत्तीसगढ़ के कोई माता-पिता नहीं चाहेंगे कि आप उनके आदर्श बनें.” भूपेश बघेल ने कहा है कि वे राजनीति छोड़ना पसंद करेंगे लेकिन जोगी के स्तर पर गिरना नहीं. उन्होंने लिखा है, “मेरी अंतरात्मा गवाही नहीं देती कि मैं आपके स्तर तक जाउं. मैं राजनीति छोड़कर खेती के अपने पुश्तैनी काम में वापस लौट जाना पसंद करुंगा लेकिन आपके स्तर तक नहीं जाउंगा. स्तर तो छोड़ दीजिए मैं आपके रास्ते पर एक कदम भी नहीं चलना चाहूंगा’’

अंत में उन्होंने लिखा है, “आपका स्तर आपको मुबारक. आपके भ्रमजाल में फंसे आपके करीबियों को मुबारक. मेरा सौभाग्य है कि मैं आपके स्तर का नहीं और मैं अपने स्तर पर खुश हूं. ईश्वर आपको लंबी उम्र और थोड़ी सद्बुद्धि दे.”

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