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भूपेश बघेल ने ज़मीन मामले में सरकार को घेरा

रायपुर | संवाददाता: भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री रमन सिंह पर ज़मीन मामले में पलटवार किया है और कहा कि राजनीतिक कारणों से मुख्यमंत्री और उनके मित्र ने ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज करवाया. मानसरोवर योजना के तहत साडा भूखंड आबंटन मामले के कई दस्तावेज़ों के साथ भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के एक खास अफ़सर ने भी इस षड्यंत्र में महत्वूर्ण भूमिका निभाई.

कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक भूपेश बघेल ने कहा कि ईओडब्ल्यू का सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों या लोकसेवकों के खिलाफ आर्थिक अनियमितता की जांच करती है. उनकी मां और पत्नी जनसेवक नहीं हैं. ऐसे में यह मामला कैसे दर्ज़ हुआ, यह महत्वपूर्ण सवाल है.

भूपेश बघेल ने कहा कि ग़लत तरीके से ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज होने के 27 दिनों के बाद भी आज तक ईओडब्ल्यू मुझसे पूछताछ के लिये सवाल नहीं तैयार कर पाया है, इससे इस मामले की सच्चाई का अनुमान लगाया जा सकता है.

पीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि मानसरोवर योजना के तहत साडा भूखंड आबंटन के तमाम दस्तावेज़ों में यह बात साफ तौर पर दर्ज है कि संबंधित भूखंड निम्न आय वर्ग के लिये नहीं, बल्कि सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित था. उन्होंने कहा कि अगर यह भूखंड गरीबों के लिये आरक्षित थी तो 2015 में नगर निगम भिलाई ने इन ज़मीनों की खुली नीलामी क्यों की?

भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी पत्नी और मां के नाम से जमीन खरीदी के जो दस्तावेज़ जमा किये गये हैं, उसमें साफ लिखा हुआ है कि उनकी आय 25 हज़ार रुपये प्रति माह है. लेकिन इसके बाद भी बीपीएल होने संबंधी दस्तावेज़ जमा करने का झूठा आरोप सरकार की ओर से लगाया गया.

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