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बिहार: नदियों का रौद्र रूप

पटना | एजेंसी: बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण बिहार की सभी प्रमुख नदियां विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. वहीं बिहार के सुपौल, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, दरभंगा, सहरसा, बगहा, अररिया समेत कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इधर, सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को बाढ़ प्रभावित इलाकों में लगा दिया गया है.

पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक बिहार की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्घि दर्ज की जा रही है. वीरपुर बैराज में कोसी नदी के जलस्तर में वृद्घि हो रही है.

नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता दीपक कुमार ने शनिवार को कहा कि शाम चार बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 2.97 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया जबकि वाल्मीकीनगर बैराज में गंडक का जलस्तर 3.14 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया.

इधर, गंगा नदी कहलगांव में तथा बूढ़ी गंडक चनपटिया में, बागमती नदी बेनीबाद में, कमला बलान जयनगर और झंझारपुर में तथा कोसी बराह, वीरपुर, कुर्सेला और बसुआ में खतरे के निशान के उपर बह रही है. महानंदा नदी ढेंगराघाट में खतरे के निशान को पार कर गई है.

मुजफ्फरपुर में बागमती नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण औराई, कटरा, गायघाट, के 25 से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. पूर्वी चंपारण के करीब तीन दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है जबकि पश्चिमी चंपारण के बौरिया, बगहा, मंगलपुर, नौतन समेत छह प्रखंडों के गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.

कोसी के पूर्वी तटबंध पर सहरसा के बराही गांव के पास दबाव बना हुआ है. जिले के नौहट्टा और महिषी प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.

नवादा और नालंदा जिले को जोड़ने वाली सड़क पर गौंडापुर के पास बाढ़ का पानी ऊपर से बह रहा है जिस कारण इस मार्ग पर आवागमन रोक दिया गया है. बाढ़ का पानी आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंच जाने से लोग ऊंचे स्थानों की ओर जाने लगे हैं.

राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की आठ टीमें लोगों को मदद देने के लिए तैनात कह गई हैं. कई स्थानों पर शिविर चलाए जा रहे हैं तथा बाढ़ से घिरे लोगों को बाहर निकालने का कार्य जारी है.

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