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बिहार: 1 अप्रैल से शराब बंद

पटना | समाचार डेस्क: बिहार में 1 अप्रैल से शराब की बिक्री पर बैन लगा दिया गया है. उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार ने चुनाव में वादा किया था कि उनकी सरकार आने पर राज्य में शराब पर पाबंदी लगा दी जायेगी. साल 2014-15 में शराब से बिहार को तीन हजार करोड़ रुपयों से भी ज्यादा का राजस्व मिला था. इस तरह से नीतीश सरकार का शराब को बंद करा देने का फैसला एक बड़ा कदम माना जा रहा है. यह घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को की. नीतीश ने चुनाव में राज्य में शराब बंद करने का वादा किया था.

मुख्यमंत्री ने यहां निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित एक औपचारिक समारोह में राज्य में शराब बंद करने की घोषणा की.

नीतीश ने कहा कि कई गरीब लोग शराब पीते हैं, जिससे उनका परिवार और बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है.

शराब पीने की आदत से घरेलू झगड़े भी होते हैं और खासकर महिलाएं इसकी शिकार अधिक होती हैं.

नीतीश ने कहा, “इसका सर्वाधिक बुरा प्रभाव महिलाओं पर पड़ता है.”

एक अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने यहां अधिकारियों के साथ उच्च-स्तरीय बैठक करने के बाद यह फैसला किया.

जुलाई में नीतीश कुमार ने कहा था कि यदि वह सत्ता में आएंगे तो शराब पर पाबंदी लगा देंगे.

राज्य के आबकारी एवं मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने पहले कहा था कि राज्य सरकार जल्द शराब बंदी की दिशा में कदम उठाएगी.

भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को शराब बंदी को समर्थन का वादा किया था.

आबकारी विभाग ने 2007 में नई नीति बनने के बाद राज्य में शराब विपणन के लिए बढ़चढ़कर लाइसेंस बांटे थे.

आबकारी विभाग की आय 2005-06 के 319 करोड़ रुपये से 10 गुना से अधिक बढ़कर 2014-15 में 3,650 करोड़ रुपये हो गई है.

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