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असम में भाजपा सरकार: NDTV

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: एनडीटीवी के अनुसार असम में भाजपा की सरकार बनने की 60 फीसदी संभावना है. इस आकलन पर एनडीटीवी के पहुंचने के दो कारण है. पहला असम के मतदाताओं का रुझान तथा दूसरा कांग्रेस एवं भाजपा की पार्टीगत स्थिति.

असम के 3.20 करोड़ मतदाताओँ में से करीब 1.10 करोड़ मुस्लिम आबादी का झुकाव इस बार एआईयूडीएफ की तरफ दिखता है जो पहले कांग्रेस को मिला करता था.

चाय बगान के मजदूरों ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था.

भाजपा का बोडो पार्टी के साथ गठबंधन हुआ है इसलिये बोडो जनजाति का झुकाव भाजपा की तरफ है.

असम की मूल जनजाति अहोम तथा ईसाई समुदाय कांग्रेस के साथ ही रहेंगे ऐसा प्रतीत हो रहा है.

कांग्रेस अगर किसी तरह से मुस्लिम वोट अपने साथ जोड़े रख सकती है तो उसकी जीत की संभावना 50 फीसदी की हो जाती है. यदि चाय बगान के मजदूर कांग्रेस के पक्ष में आ जाये तो उसे 60 फीसदी वोट मिल सकते हैं.

यदि भाजपा चाय बगान के मजदूरों को अपने साथ कर लेती है तो उसकी जीत की संभावना 70 फीसदी तथा यदि आदिवासियों का भई वोट पा जाती है तो उसकी जीत की संभावना 80 फीसदी की हो जाती है.

दूसरा कारण यह है कि कांग्रेस अभी भी मुख्यमंत्री 81 वर्षीय तरुण गगोई पर दांव लगाये बैठी है जो अपने पुत्र गौरव गगोई को उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं. इससे खफ़ा होकर मुख्यमंत्री पद के दूसरे दावेदार हिमंत भाजपा में चले गये हैं. पहले हिमंत को तरुण गोगोई के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था.

वहीं भाजपा ने स्थानीय कद्दावर नेताओं को चुनाव प्रचार की कमान सौंप रखी है. पार्टी ने असम गण परिषद तथा बोलोलैंड पीपुल्स फ्रंट से गठबंधन बना रखा है.

भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए उसके उम्मीदवार सर्वानंद सोनोवाल और मुख्य रणनीति निर्माता हिमंत विश्व शर्मा को चुनाव की कमान सौंप रखी है. इस बीच असम कांग्रेस के प्रवक्ता प्रमोद स्वामी ने पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है.

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