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पनामा पेपर्स लीक में बॉलीवुड सितारे

नई दिल्ली | मनोरंजन डेस्क: पनामा पेपर्स लीक में बॉलीवुड के सितारों का नाम शामिल है. अब तक जो खुलासा हुआ है उसमें सैफ अली, करीना कपूर तथा करिश्मा कपूर का नाम आया है. यह खुलासा इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने किया है. अभी तक बॉलीवुड सितारों की कोई प्रतिक्रिया सामनें नहीं आई है. इससे पहले बोफोर्स घोटाले में भी बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारे का नाम आ चुका है. बॉलीवुड के तार क्रिकेट से जुड़े हुये हैं. इन बॉलीवुड सितारों पर आरोप है कि उन्होंने आईपीएल मैच के समय पनामा की कंपनी में साझेदारी की थी.

इस नये खुलासे के बाद बॉलीवुड के सितारों की परेशानी में इज़ाफा होने जा रहा है.

इंडियन प्रीमियर लीग की एक फ्रेंचाइजी के लिए बोली लगाने वाली एक कंपनी में एक विदेशी कंपनी की भी हिस्सेदारी थी. इस कंपनी के अन्य हिस्सेदारों में थे सैफ अली खान, करीना कपूर और करिश्मा कपूर, उद्योगपति वेणुगोपाल धूत और पुणे के रियल्टी कारोबारी चोर्डिया परिवार. पनामा पेपर्स श्रंखला के नए खुलासे में गुरुवार को इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 सदस्यों ने आईपीएल पुणे फ्रेंचाइजी के लिए बोली लगाने के उद्देश्य से पी-विजन स्पोर्ट्स के निर्माण के लिए साझेदारी की थी. इसमें 15 फीसदी हिस्सेदारी के रूप में वर्जिन आईलैंड्स की कंपनी ओब्डूरेट लिमिटेड को चिह्न्ति किया गया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रेंचाइजी नहीं मिलने के बाद हालांकि कंपनी को बंद कर दिया गया था.

पी-विजन स्पोर्ट्स में सर्वाधिक 33 फीसदी हिस्सेदारी चोर्डिया परिवार के पास, करीना और करिश्मा कपूर दोनों के पास 4.5-4.5 फीसदी, सैफ और मुंबई निवासी मनोज एस. जैन की नौ-नौ फीसदी, धूत की 25 फीसदी हिस्सेदारी और ओब्डूरेट के लिए 15 फीसदी हिस्सेदारी चिह्न्ति की गई थी.

धूत ने कहा कि पी-विजन स्पोर्ट्स में उनका संबंध सिर्फ उनकी 25 फीसदी हिस्सेदारी से था. उन्हें ओब्डूरेट के बारे में कुछ नहीं पता. वहीं, अतुल चोर्डिया ने कहा कि कंपनी की पूरी 100 फीसदी हिस्सेदारी उनके समूह की थी और विदेशी कंपनी की इसमें कोई भी हिस्सेदारी नहीं थी.

अन्य के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि करीना कपूर के कार्यालय ने कहा कि वह इस समय शहर में नहीं हैं, जैन से संपर्क नहीं हो पाया और सैफ ने संदेश तथा ईमेल का जवाब नहीं दिया.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन के नेतृत्व वाले भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि विदेश में खोले गए भारतीयों की हर कंपनी अवैध नहीं है और इस पर जांच करने की प्राथमिक जिम्मेदारी एक जांच दल की होगी, जिसका गठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर किया गया है.

पनामा पेपर्स के अन्य ताजा तरीन खुलासे के मुताबिक खेल प्रबंधन कंपनी ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी मीडिया के प्रबंध निदेशक लोकेश शर्मा की ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में दो कंपनियां पंजीकृत हैं. इसके अलावा एक तीसरी कंपनी भी है, जो खेल प्रबंधन कंपनी की सहायक कंपनी है.

रिपोर्ट के मुताबिक, शर्मा ने कहा कि ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड की कंपनी मार्गरीटा सर्विसेज का अधिग्रहण किया जाना था, लेकिन वह इस मामले में आगे नहीं बढ़े, न ही उन्हें उसका कोई शेयर मिला.

एक अन्य कंपनी मार्डी ग्रास होल्डिंग्स के बारे में उन्होंने कहा कि वह संबंधित भारतीय कानून का पालन कर रहे हैं और उस कंपनी पर 31 मार्च 2016 तक कोई कर बकाया नहीं है.

तीसरी कंपनी पीपरमिंट मैनेजमेंट के बारे में शर्मा ने कहा कि वह कानून का पालन कर रहे हैं और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को इसकी सूचना दी जा चुकी है.

खोजी पत्रकारों का अंतर्राष्ट्रीय संघ और 100 से अधिक मीडिया संस्थानों के वैश्विक खुलासे के तहत इंडियन एक्सप्रेस में रिपोर्ट प्रकाशित की जा रही है. इन रिपोर्टों को पनामा पेपर्स कहा जा रहा है. ये पनामा की विधि मामलों की कंपनी मोसाक फोंसेका के लाखों लीक दस्तावेजों पर आधारित हैं.

गुरुवार के खुलासे में सामने आए नामों में दिल्ली के एक टायर डीलर, एक बुटीक मालिक, एक आस्ट्रेलियाई खनन अरबपति की पुत्री, एक कपड़ा निर्यातक, एक इंजीनियरिंग कंपनी के मालिक, एक धातु कंपनी के निदेशक और एक चार्टर्ड एकाउंटेंट का नाम भी शामिल है.

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