कलारचना

‘बांबे वेलवेट’ पर CBFC राजी

मुंबई | मनोरंजन डेस्क: फिल्म ‘बांबे वेलवेट’ का नाम नहीं बदलेगा परन्तु इसके गाने से ‘बांबे’ को हटाना पड़ेगा. सीबीएफसी ने इस बात को मान लिया है कि फिल्म ‘बांबे वेलवेट’ की कहानी उस समय की है जब ‘मुंबई’ को ‘बंबई’ कहा जाता था इसलिये उसका नाम बदलने की जरूरत नहीं है. सीबीएफसी ने कहा कि गाना आज के पृष्ठभूमि में लिखा गया है इसलिये उसमें ‘बांबे’ के स्थान पर ‘मुंबई’ शब्द होना चाहिये. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा मिहिर जोशी के गाए गीत से ‘बांबे’ शब्द को बीप किए जाने के बाद ऐसी आशंका थी कि फिल्मकार अनुराग कश्यप को उनकी आने वाली फिल्म ‘बांबे वेलवेट’ का नाम बदलने के लिए कहा जा सकता है. लेकिन सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने इसकी आवश्यकता नहीं जताई है.

निहलानी ने कहा, “यदि फिल्म ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित है और उस दौर पर बनी है कि जब मुंबई का नाम बांबे था, तो हम इस फिल्म के नाम को तार्किक मान सकते हैं. लेकिन समकालीन समय के लिए ‘बांबे’ नाम स्वीकार नहीं किया जाएगा.”

मुंबई सिनेमा जगत के लिए परेशानी की एक बात यह है कि सीबीएफसी कहां तक फिल्मों से नाम में बदलाव करेगी. बांबे का नाम 1995 में बदलकर मुंबई कर दिया गया था. लेकिन जहां तक ‘बांबे’ शब्द के इस्तेमाल का सवाल है, तो इसे लेकर सीबीएफसी ने अपना पक्ष साफ कर दिया है.

निहलानी ने कहा, “यह राज्य का मामला है. महाराष्ट्र सरकार ने आधिकारिक रूप से 1995 में ‘बांबे’ का नाम बदलकर ‘मुंबई’ रखा था. इसके बावजूद यदि फिल्मकार और गीतकार अपनी रचनाओं में ‘बांबे’ शब्द का स्तेमाल करेंगे, तो उसे हटाने के अलावा हमारे पास कोई उपाय नहीं बचेगा.”

निहलानी ने आगे कहा, “अब शहर का नाम बांबे’ नहीं ‘मुंबई’ है. मिहिर जोशी जैसे लोगों को यह बात मालूम होनी चाहिए, जो यहीं पले-बढ़े हैं. फिल्में बनाना या गीत लिखना एक सामाजिक जिम्मेदारी है. आप नए चलन के लोभ में स्थान का भूगोल, इतिहास नहीं बदल सकते.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!