रायपुर

बाबूलाल को जमानत नहीं

नई दिल्ली | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के आईएएस बाबूलाल अग्रवाल की जमानत याचिका खारिज हो गई है.

दिल्ली में सीबीआई की विशेष अदालत ने पिछले 3 मार्च से न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद बाबूलाल की याचिका पर सुनवाई के बाद माना जा रहा था कि उन्हें जमानत मिल जायेगी. लेकिन अदालत ने याचिका खारिज कर दी.

बाबूलाल अग्रवाल के खिलाफ सीबीआई में चल रहे अपने मामले को खत्म करने के लिये कथित रुप से पीएमओ के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है. फरवरी में सीबीआई ने बाबूलाल के घर छापा मार कर कई घंटों तक पूछताछ की थी और दस्तावेजों को जब्त किया था.

1988 बैच के बाबूलाल अग्रवाल अभी छत्तीसगढ़ सरकार में उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव हैं.

बाबूलाल अग्रवाल का नाम 2010 में पहली बार उस समय चर्चा में आया था, जब उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में आयकर विभाद की कार्रवाई हुई थी. बाबूलाल पर आरोप लगा कि उन्होंने रायपुर ज़िले के खरोरा के 220 गांव वालों के नाम से फर्जी बैंक खाते खुलवा कर उसमें भारी निवेश किया है. बाबूलाल पर 253 करोड़ की संपत्ति तथा 85 लाख के बीमा की खबरें सामने आई थीं.

इसकी कई कहानियां छपी, अफवाहें उड़ीं , बाबू लाल निलंबित हुये और अंततः सरकार ने बाबूलाल अग्रवाल को बेदाग घोषित करते हुये उन्हें महत्वूर्ण पद दे दिया. बाबूलाल अग्रवाल का दावा है कि उन्होंने पूरे मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसके बाद उन्हें बेदाग घोषित किया गया.

इधर आयकर विभाग ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया था और आरोप है कि इसी मामले को खत्म करने के लिये कथित रुप से डेढ़ करोड़ की रिश्वत देने की कोशिश की गई. यहां तक कि इस मामले में सीबीआई ने रिश्वत के रुप में दिये जाने वाला दो किलोग्राम सोना भी जब्त किया.

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