छत्तीसगढ़

वन अधिकार पर जल्दी नहीं: केन्द्र

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ तथा झारखंड सरकार को आदिवासियों के वन अधिकार पर जल्दबाजी करने से रोक लिया. इस सिलसिले में केन्द्र सरकार के मंत्रालय ने कड़ा निर्देश जारी करते हुये छत्तीसगढ़ तथा झारखंड सरकार को आदिवासियों के वन अधिकार के समाधान के लिए उचित प्रक्रिया का पालन करने को कहा है.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ तथा झारखंड में राज्य सरकारों ने ग्राम सभा करके यह प्रमाण पत्र लेने को कहा था कि आदिवासियों को उनके अधिकार मिल गये हैं. गौरतलब है कि इसके लिये छत्तीसगढ़ शासन ने 27 जुलाई को निर्देश जारी कर 15 अगस्त तथा झारखंड शासन ने 2 अक्टूबर की समय सीमा तय कर दी थी. केन्द्र सरकार के आदिवासी मामलों के मंत्रालय ने इस मामले में जल्दबाजी करने से मना किया है.

केन्द्र सरकार के आदिवासी मामलों के मंत्रालय ने हालांकि वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए सक्रिय कदम उठाने की दिशा में राज्य सरकारों के प्रयासों की सराहना करते हुये कहा है कि कानून के अनुसार आदिवासियों के अधिकार से संबंधित मामलों में ग्राम सभा द्वारा सावधानी से विचार करने की आवश्यकता है. एक पत्र के माध्यम से दोनों सरकारों के मुख्य सचिव को ऐसा निर्देशित किया गया है.

इसके अलावा केन्द्र सरकार के मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ शासन से कहा है कि 15 अगस्त को विशेष ग्राम सभाओं की बैठक में दावों का निपटारा न किया जाये.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन की ओर से मंगलवार को एक पत्र जारी करते हुये कहा गया कि, ” पिछले महीने की 27 तारीख को विभाग द्वारा एक परिपत्र जारी किया गया था, जिसमें 15 अगस्त 2015 तक समस्त ग्राम सभाओं से इस आशय का प्रमाण पत्र लेने के निर्देश है कि उनकी ग्राम सभा के अंतर्गत पात्रता रखने वाला कोई भी हितग्राही वन अधिकार पत्र से वंचित नहीं हैं. यदि ऐसी स्थिति किसी ग्राम सभा में है तो उसकी समीक्षा और निराकरण करने के निर्देश 27 जुलाई के परिपत्र में दिए गए हैं, लेकिन इस परिपत्र को जारी किए जाने के बाद विभाग के संज्ञान में यह आया है कि कतिपय स्तरों पर यह भ्रम की स्थिति निर्मित हुई है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अधिनियम लागू होने के आठ वर्ष बाद अब वन अधिकार पत्र दिए जाने से संबंधित कार्रवाई को बंद किया जा रहा है.”

छत्तीसगढ़ के अपर मुख्य सचिव एन.के. असवाल ने यह स्पष्ट किया है कि अधिनियम के प्रावधानों के तहत वन अधिकार पत्रों के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक दावा आवेदन हेतु कोई अंतिम तारीख निर्धारित नहीं है.

error: Content is protected !!