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चौधरी पर एक और घोटाले का आरोप

रायपुर | संवाददाता: अब ओपी चौधरी पर माइनिंग घोटाले का आरोप लगा है. कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के इस खनिज घोटाला को तेलगी कांड से बड़ा घोटाला बताया है. पार्टी से इसके लिए मुख्यमंत्री रमन सिंह और भाजपा नेता ओपी चौधरी को दोषी ठहराया है.

कांग्रेस नेता गिरीश देवांगन और शैलेश नितिन त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि प्रदेश में तेलगी कांड की तर्ज पर अरबों रुपये का माइनिंग घोटाला हुआ है. यह खेल पिछले 15 सालों से चल रहा है.

नेताओं ने आरोप लगाया कि खनिज उत्खनन और परिवहन के लिए खनिज विभाग पट्टाधारक को रायल्टी बुक जारी करता है. खनिज विभाग से जारी रायल्टी पर्ची की तरह फर्जी फर्जी रायल्टी पर्ची छपवाकर फर्जी टीपी से खनिज का परिवहन किया जाता रहा है.

छत्तीसगढ़ सरकार तथा खनिज माफिया की सांठगांठ से यह खेल पिछले 15 सालों से चल रहा है. इससे अरबों की क्षति का अनुमान है. यह तब हो रहा है जबकि खनिज विभाग पिछले 15 सालों से मुख्यमंत्री रमन सिंह के पास है.

रायपुर और राजनांदगांव के अधिकारी शामिल

श्री त्रिवेदी ने इस पूरे मामले में रायपुर और राजनांदगांव के जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों के साथ-साथ बड़े बिल्डरों की संलिप्तता का आरोप लगाया है. उन्होंने इसकी अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की है.

श्री त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कथित घोटाले से जुड़े दस्तावेज जारी किए. उन्होंने बताया कि सबसे पहले ठेकेदार मेसर्स संतोष अग्रवाल द्वारा डोंगरगढ़ में निर्माण के ठेके में रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया गया.

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि रायपुर जिले की कुल 206 नग चूना पत्थर की रायल्टी पर्ची फर्जी पाई गई. श्री त्रिवेदी ने बताया कि यहां खनिज शाखा ने रायल्टी पर्ची फर्जी पाए जाने और खनिज राजस्व की क्षति के नुकसान की आशंका जताई और इसकी सूचना राज्य शासन को दी. उन्होंने बताया कि जनपद पंचायत आरंग, अभनपुर ने भी इस तरह की गड़बड़ियां पाई गई.

कांग्रेस नेताओं ने आरोप बताया कि खनिज विभाग द्वारा खनिज संपदा की उत्खनन परिवहन हेतु पट्टे धारक यानी खदान मालिक को रायल्टी बुक जारी करती है. जिसमें खनिज पट्टे धारक उक्त रायल्टी पर्ची से खनन कर परिवहन का कार्य करता है. उन्होंने आरोप लगाया कि खनिज विभाग से जारी रायल्टी पर्ची की दूसरी फर्जी रायल्टी पर्ची का उपयोग किया गया.

उन्होंने कहा कि रायल्टी बुक की सीरियल नंबर की जानकारी जारी करने विभाग खनिज पट्टे धारक को होती है. लेकिन विधिवत जारी रायल्टी पर्ची कि तर्ज में दूसरी हूबहू फर्जी रायल्टी की जाली रायल्टी पर्ची क्लीयरेंस के कार्य उपयोग किया जा रहा था. जिससे स्वाभाविक रूप से करोड़ो की राजकोषीय क्षति हुये हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि माइनिंग क्लियरेंस के 70 फीसदी मामलों में फर्जीवाड़ा हुआ है.

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