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धान के कटोरे में राईस मिल ब्लैक लिस्टेड

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के 290 राईस मिलर को शनिवार को काली सूची में डाल दिया है. हड़ताली राईस मिलरों के खिलाफ शासन ने यह पहली कार्यवाही की है. इससे पहले वार्ता का दौर चल चुका है पर शासन तथा राईस मिलरों में समझौता न हो सका.

शासन के साथ बारदाना खरीदी नीति, परिवहन दर पर समझौता न हो पाने की वजह से छत्तीसगढ़ के राईस मिलरो की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है.

शासन ने कस्टम मिलिंग में सहयोग नहीं करने वाले 290 मिलरों के खिलाफ शनिवार से आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 और छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग उपार्जन आदेश 2016 के तहत राज्य शासन द्वारा कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है.

जिन राईस मिलरों को काली सूची में डाला गया है उनमें मुंगेली जिले में 10 राईस मिलों, रायगढ़ और राजनांदगांव जिले में 6-6 राईस मिलों, उत्तर बस्तर जिले में 3 राईस मिलों, बस्तर एवं कोण्डागांव जिले में 1-1 राईस मिलों को सीलबंद किया गया है.

इसी तरह से कोरबा जिले में 38 राईस मिल, बालोद जिले में 30 राईस मिल, धमतरी जिले में 68 राईस मिल तथा रायपुर जिले में 124 राईस मिलों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लैक लिस्ट किया गया है.

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने कस्टम मिलिंग नियंत्रण आदेश 2016 लागू किया है. इस नियंत्रण आदेश के अनुसार प्रत्येक राईस मिलर की वार्षिक मिलिंग क्षमता की आधी क्षमता का उपयोग शासकीय धान की मिलिंग के लिए अनिवार्य है. कस्टम मिलिंग चार्ज को लेकर आपसी सहमति न बन पाने के कारण छत्तीसगढ़ के राईस मिलर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि वर्ष 2003-04 में छत्तीसगढ़ में 987 राईस मिलों का संचालन हो रहा था. वर्ष 2015-16 तक इनकी संख्या बढ़कर 1587 हो गई है.

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