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छत्तीसगढ़ क्यों हुआ पोंटी पर मेहरबान

रायपुर | विशेष संवाददाता: छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को चना बांटने का ठेका जिन दो कंपनियों को दिया गया है, दोनों ही कंपनियां पोंटी चड्ढा से जुड़ी हुई हैं. उनमें से एक कंपनी मेसर्स डिवाईन क्राप्स एंड एलाईड प्रोडक्ट्स प्राईवेट लिमिटेड के बारे में छत्तीसगढ़ खबर ने विस्तार से बताया था कि यह कंपनी करोड़ों के फर्जीवाड़े में फंसे पोंटी चड्ढा से संबद्ध हैं. अब इस मामले में हमने दूसरी कंपनी मेसर्स प्राईम विजन शुगर लिमिटेड की भी हकीकत जानने की कोशिश की तो यह बात सामने आई है कि कंपनी का नाम है प्राईम विजन इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड और इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन नंबर है U15122UP2010PTC042183.

इससे पहले 18 मार्च को छत्तीसगढ़ खबर ने छत्तीसगढ़ के चना घोटाले में पोंटी चड्ढा के शामिल होनें की बात सामने लाई थी. हमने यह तथ्य सामने लाये थे कि यह राज सामने लाये थे कि छत्तीसगढ़ में जिस एक कंपनी मेसर्स डिवाईन क्राप्स एंड एलाईड प्रोडक्ट्स प्राईवेट लिमिटेड, अस्तबल कैम्प, थाना गंज, रामपुर को चना का ठेका दिया गया था, इस कंपनी की होल्डिंग कंपनी पीबीएस फूड्स प्राईवेट लिमिटेड है, जो पोंटी और उसके रिश्तेदारों की कंपनी है. पोंटी और उसके रिश्तेदारों ने इन दो कंपनियों के अलावा वेब इंडस्ट्रिज प्राईवेट लिमिटेड जैसी दर्जनों कंपनियां बनाई और इन कंपनियों ने भयावह साजिशें रचते हुये भ्रष्ट अफसरों और नेताओं की मिलीभगत से 11 चीनी मिलों की खरीदी में जम कर चांदी काटी. इसके अलावा पोंटी चड्ढा और उसकी सहयोगी सुनीता की कंपनियों पीबीएस फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (जिसे छत्तीसगढ़ में ठेका मिला), डी ग्रेट वेल्यु, हेल्थ केयर एनर्जी फूड प्राइवेट लिमिटेड, क्रिस्टी फ्रीड ग्राम इंडस्ट्रीज, त्रिकाल फूड्स एंड प्राइवेट लिमिटेड को उत्तर प्रदेश के बाल विकास पुष्टाहार में करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में जिम्मेवार पाया गया.

अब दूसरी कंपनी प्राईम विजन इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड को लेकर भी हमने जो दस्तावेज हासिल किये हैं, उससे पता चलता है कि यह कंपनी भी पोंटी चडढ़ा से ही जुड़ी हुई है. दस्तावेज बताते हैं कि 6 अक्टूबर 2010 को बनाई गई यह कंपनी उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड है और इसका रजिस्ट्रेशन नंबर U15122UP2010PTC042183 है.

इस कंपनी के निदेशक के तौर पर जिस कवच कुमार निर्मल का नाम दस्तावेजों में बताया गया है, वह मूलतः पोंटी चडढ़ा की कंपनी वेब आईएनसी से जुड़े हुये हैं और यह कंपनी भी पोंटी चड्ढा की ही है. मतलब ये कि छत्तीसगढ़ में चना बांटने के लिये जिन दो कंपनियों को ठेका मिला, वो दोनों कंपनियां एक ही व्यक्ति और परिवार से जुड़ी हुई हैं. छत्तीसगढ़ में चना आपूर्ति के लिये पोंटी से जुड़ी इन कंपनियों को ही ठेका कैसे मिला और सरकार पोंटी चड्ढा की घोटाले में फंसी कंपनियों पर ही क्यों हुई मेहरबान, इसका राज तो निविदा के दस्तावेज ही खोल सकेंगे.

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