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छत्तीसगढ़: सांप कैद से रिहा

कोरबा | समाचार डेस्क: डसने के जुर्म में गिरफ्तार सांप को लहरीराम ने आखिरकार रिहा कर दिया है. उल्लेखनीय है कि कटघोरा के एक गांव के लहरीराम ने एक कोबरा को उसे काटने के बाद पहले तार से बांधकर रखा था. उसके बाद उसे हंडिया में डालकर रख दिया था. दो दिनों के बाद लहरीराम ने उस सांप को रिहा कर दिया है.

सांप को पकड़े रहने तथा उसे छोड़ने के पीछे लहरीराम का तर्क अंधविश्वासों से भरा हुआ है. लहरीराम का तर्क है कि यदि उसे काटने के बाद वह सांप को जाने देता तो जैसे-जैसे सांप जमीन में रेंगता वैसे-वैसे उसके शरीर में जहर फैलता जाता. इसी कारण से उसने सांप को बांधकर रखा था. पूर्णतः स्वस्थ्य होने के बाद लहरीराम ने सांप को छोड़ दिया है.

लहरीराम के अंधविश्वास पर जानकारों का कहना है कि कई बार इस तरह के ‘ड्राई बाइट’ देखने में आते हैं जहां पर सांप काटता जरूर है परन्तु शरीर में जहर नहीं छोड़ता है.

कोरबा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीआर कुंभकार का कहना है कि कोबरा का जहर जानलेवा होता है जिसे झाड़-फूंक से नहीं उतारा जा सकता है. सांप को जहर का ईलाज एंटी वेनम से ही किया जा सकता है. उन्होंने कहा सांप के रेंगने से जहर फैलने की बात पूरी तरह से अंधविश्वास पर आधारित है.

दूसरी तरफ, गांव में लहरीराम के इस कारनामें को लोग चटखारे लेकर सुन तथा सुना रहे है.

गौरतलब है कि लहरीराम को सांप ने शुक्रवार को खेत में काट दिया था. जिसके बाद उसने सांप को पकड़कर अपने घर के आंगन में तार से बांधकर रख दिया था. एक दिन बाद लहरीराम ने सांप को हंडिया में बंद करके रख दिया था.

रविवार को लहरीराम ने सांप को छोड़ दिया है.

(सीजीखबर किसी भूी रूप में लहरीराम के तर्क कि रेंगने से सांप का जहर फैलता है को नहीं मानता है.)

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