छत्तीसगढ़

अफसरों के खिलाफ जांच में देरी क्यों

बिलासपुर | संवाददाता: हाईकोर्ट ने अफसरों के खिलाफ चल रहे जांच की जानकारी मांगी है. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुये छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता तथा संजय के अग्रवाल की युगल पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि छत्तीसगढ़ में अफसरों के खिलाफ चल रहे जांच की स्थिति के बारें में अदालत को सूचित करें. मामलें की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी.

चिरीमिरी के राजकुमार मिश्रा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुये छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से अफसरों के खिलाफ चल रहे जांच के बारें में जानकारी मांगी है कि अफसरों के खिलाफ क्या आरोप लगाये गये हैं, जांच की वर्तमान स्थिति क्या है, जांच कब शुरु हुई है. जिन मामलों में जांच एक साल से ज्यादा चल रही है उनके बारें में जानकारी मांगी गई है कि जांच अब तक क्यों पूरी नहीं हुई है.

इस मामलें में सचिव भारत सरकार, मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ व सचिव एंटी करप्शन ब्यूरो को पक्षकार बनाया गया है.

इस जनहित याचिका में छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायक देवजी पटेल द्वारा पूछे गये सवाल का जिक्र किया गया है जिसमें पूछा गया था कितने अफसरों के खिलाफ विभागीय या आर्थिक अपराध शाखा में जांच चल रही है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायक देवजी पटेल के जवाब में मुख्यमंत्री द्वारा दी गई जानकारी निम्नानुसार है.

IAS अफसरों के नाम- पी राघवन, एमएस मूर्ति, टी राधा कृष्णन, जीएस घनंजय, जे मिंज, एनएस भंडारी, ओयू टोप्पो, आलोक अवस्थी, वीके ध्रुव आदि.

IPS अफसरों के नाम- राजकुमार देवांगन व एएम जुरी.

IFS अफसरों के नाम- अनूप भल्ला, एससी अग्रवाल, हरिशचंद्र तिवारी, हेमंत कुमार पांडेय, गोविंद राव, जेआर नायक आदि.

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