कोरबाबिलासपुर

हाथी अभ्यारण बनाया जाये: डॉ. महंत

कोरबा | अब्दुल असलम: पूर्व मंत्री चरणदास महंत ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के कोरबा में उद्योगों के लिये हाथी अभ्यारण नहीं बनाया जा रहा है. इसी कारण सरकार की गलत और अदूरदर्शी नीतियों के कारण किसान और गरीब मारे जा रहे. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के रामपुर विधानसभा के ग्राम बुंदेली में किसान जागेश्वर सिंह कंवर पिता छोटे लाल द्वारा घोर निराशा में की गई आत्महत्या पर पूर्व केन्द्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री डॉ. चरणदास महंत ने पत्रकारों से चर्चा में तल्ख प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि किसान जागेश्वर ने कर्ज लेकर धान की फसल बोई थी. उसकी 9 एकड़ खेत पर उगाई गई फसल को नवम्बर 2014 में हाथियेां ने रौंद दिया. कोरबा वन मंडल के ग्राम बुंदेली में किसान जागेश्वर सिंह के फसल का नुकसानी मुआवजा भुगतान वन विभाग द्वारा समय पर और जल्दी नहीं किया गया जिसके कारण वह काफी हताश और निराश था. फसलों का नुकसान होने और कर्ज में डूबने के कारण जागेश्वर सिंह आर्थिक समस्या से जूझ रहा था. वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना कार्यों के करण जागेश्वर सिंह को 8 महीने बाद भी मुआवजा नहीं मिल पाया.

पूर्व मंत्री चरणदास महंत ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने किसान जागेश्वर सिंह को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया है और दोषी लोगों के विरूद्ध आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के अपराध में धारा 306 के तहत् जुर्म दर्ज होना चाहिए. डॉ. महंत ने कहा है कि सरकार द्वारा उद्योगपतियों को लाभ देने के लिए हाथी अभ्यारण्य नहीं बनाया जा रहा है, इसके कारण गरीब आदिवासी, किसान मारे जा रहे हैं और बड़े पैमाने पर जन-धन-फसल, मकान का नुकसान हो रहा है.

उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में 40 हजार मिलियन टन कोयला का भंडार है और कोरबा जिले के जिस हाथी प्रभावित क्षेत्र में हाथी अभ्यारण्य को दर किनार कर उद्योगपतियों को लाभ दिलाया जा रहा है, वहां मात्र 10 हजार मिलियन टन कोयला है. यदि इस कोयले को छोड़ दिया जाए तो भी बचे हुए 30 हजार मिलियन टन कोयला से 70-80 साल तक बिजली उत्पादन हो सकता है. इसके बाद भी जानबूझ कर हाथी अभ्यारण्य नहीं बनाया जा रहा है जिससे सैकड़ों आदिवासियों की जान चली गई है. जानबूझकर अभ्यारण्य का न बनाना नि:संदेह षडयंत्र पूर्वक किये गए अपराध की श्रेणी में आता है. निर्दोष गरीब आदिवासियों, किसानों की मौतों के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, वन मंत्री, वन सचिव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का अपराध पंजीबद्ध कराने कांग्रेस न्यायालय जाएगी.

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