छत्तीसगढ़

चर्च हमले पर केन्द्र ने रिपोर्ट मांगी

रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ में चर्च पर हुये हमलें में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी है. उल्लेखनीय है कि रायपुर में रविवार को चर्च पर कथित हिन्दूवादियों ने हमला कर दिया था. जिसकी सर्वत्र निंदा की जा रही है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कचना तालाब के पास स्थित एक चर्च पर रविवार को दोपहर बाद कुछ लोगों ने जमकर तोड़फोड़ की. सामान बचाने सामने आए पांच लोग इस दौरान जख्मी हो गए. चर्च में प्रार्थना करने आए लोगों के मुताबिक, चर्च पर हमला करने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ता थे.

इस घटना पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने मीडिया से कहा, “स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने इस मामले में जरूरी एक्शन लिया है. प्रशासन कड़े कदम उठा रहा है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी है.”

सिविल लाइन सीएसपी संजय ध्रुव के मुताबिक, चर्च में घुसकर कुछ लोगों ने तोड़फोड़ और मारपीट की है. हालात को देखते हुए वहां पर फोर्स तैनाती की गई है. सात हमलावरों को गिरफ्तार किया गया है. कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा.

इस घटना से आक्रोशित ईसाई समुदाय ने पुलिस अधिकारियों से शिकायत की. पुलिस मामले की जांच कर रही है. पुलिस ने रविवार देर रात सात आरोपियों को गिरफ्तार किया, बाकी की तलाश की जा रही है.

चर्च पर हमले की घटना को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने कहा कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस उन पर सख्त कार्रवाई करेगी.

कचना बस्ती के पास निर्मित एक बड़े कमरे में चर्च का संचालन पिछले डेढ़ साल से हो रहा है. यहां प्रत्येक रविवार प्रार्थना सभा आयोजित होती है, जिसमें आसपास के कई लोग शामिल होते हैं. बस्ती के कुछ लोगों का आरोप है कि बेजा कब्जा कर चर्च बनाया गया है. वे इस चर्च को हटाने की मांग करते आ रहे हैं. हिंदूवादी संगठनों से जुड़े कुछ लोगों ने इस चर्च में धर्म परिवर्तन कराए जाने का आरोप भी लगाया.

रविवार की दोपहर 12 बजे चर्च में प्रार्थना सभा चल रही थी, तभी बाइक पर सवार होकर पहुंचे दो दर्जन से अधिक लोग चर्च में घुस गए. घुसते ही उन्होंने तोड़फोड़ शुरू कर दी, जिससे वहां भगदड़ मच गई.

इस दौरान सामान को बचाने सामने आए लोगों की पिटाई भी कर दी गई. सभी उपद्रवी चेहरे पर कपड़ा बांधे हुए थे और लाठी से लैस थे. हमलावर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर रहे थे. तोड़फोड़, मारपीट के बाद हमलावर वहां से भाग निकले, लेकिन कुछ उपद्रवियों की बाइक वहीं छूट गई.

पुलिस ने घटनास्थल से चार बाइक बरामद की है. नंबर के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही है.

इधर, इस घटना को लेकर रायपुर क्रिश्चियन फोरम ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस ने आशंका जताई है कि सामाजिक समरसता के माहौल को बिगाड़ने के इरादे से इस घटना को अंजाम दिया गया. वहीं जमीन विवाद से भी इस घटना को जोड़कर देखा जा रहा है.

एडिशनल एसपी (सिटी) नीरज चंद्राकर ने बताया कि कचना बस्ती के निवासियों से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि कचना तालाब के पास डेढ़ साल पहले बेजा कब्जा करके चर्चा बनाया गया है. इसका विरोध वे लगातार करते आ रहे हैं. एक महीने पहले नगर निगम में भी इसकी शिकायत कर चुके हैं, पर कार्रवाई नहीं हुई.

पुलिस चर्च से जुड़े लोगों से भी पूछताछ कर रही है. उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने पर चर्च के निर्माण संबंधी दस्तावेज मांगे जाएंगे.

वहीं, छत्तीसगढ़ की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने रायपुर में बजरंग दल द्वारा एक चर्च में घुसकर तोड़-फोड़ करने, प्रार्थना कर रही महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने तथा दो साल के बच्चे को जमीन में पटकने की घटना की तीखी निंदा करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग की है.

एक बयान में माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा कि भाजपा राज में छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल लगातार बिगड़ रहा है और हिन्दुत्ववादी तत्व सरकारी संरक्षण में अल्पसंख्यकों पर हमले कर रहे हैं. इसके पहले भी चर्चों पर हमले करने वाले अपराधियों पर इस सरकार ने कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की है.

माकपा ने कहा है कि अल्पसंख्यकों के प्रार्थना स्थल पर हमले करने के लिए धर्मपरिवर्तन का आरोप लगाना रोजमर्रा की बात हो गई है, जबकि संविधान इस देश की जनता को किसी भी धर्म को मानने या न मानने का अधिकार देता है. ये हमले प्रदेश की आम जनता के समक्ष उपस्थित रोजी-रोटी की समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए और प्रदेश की जनता को धार्मिक आधार पर विभाजित करने की साजिश का हिस्सा है.

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