छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: कांग्रेस नेता को 10 माह कैद

रायपुर | समाचार डेस्क: दो वर्ष पूर्व थाने में तोड़फोड़ तथा गाली-गलौच करने वाले कांग्रेस के नेता को अदालत में कैद की सजा सुनाई है. छत्तीसगढ़ के सिमगा थाने में घुसकर तोड़फोड़ व प्रधान आरक्षक के साथ गाली-गलौज करने के जुर्म में बलौदाबाजार जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रामविलास साहू सहित आठ लोगों को 10 माह की साधारण कैद और 1500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. न्यायाधीश अमित जिंदल ने इन लोगों को धारा 427, 353, 147 के तहत दोषी पाया.

न्यायालयीन सूत्रों के मुताबिक, 24 मार्च 2013 की रात लगभग 10 बजे रमेश तिवारी को उर्स जुलूस में विवाद करने पर प्रधान आरक्षक संतोष अवस्थी ने थाने में बिठा दिया था. इस घटना की जानकारी मिलते ही बनसांकरा के सरपंच रामविलास साहू, सिमगा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के महामंत्री हीरेंद्र कोशले, युवक कांग्रेस के विधानसभा सचिव जितेंद्र बंजारे के अलावा योगेश कुमार, नवीन, भूपेंद्र बंजारे, मनोज कुमार, लाला व मनीष सिमगा थाने में घुस गए और तोड़फोड़ की और प्रधान आरक्षक देवनारायण साहू के साथ गाली-गलौज की. इसके बाद सिमगा तिराहा में चक्का जाम कर दिया था.

थाना में तोड़फोड़ की घटना के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 147, 353, 427, 186 के तहत अपराध दर्ज किया था.

बाद में तत्कालीन टीआई आर.एन. यादव के नेतृत्व में सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था. सभी आरोपी बाद में जमानत पर रिहा हुए थे.

लगभग दो वर्ष प्रकरण चलने के बाद प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित जिंदल ने अपराध को संगीन मानते हुए आरोपियों को दोषी पाते हुए धारा 147 के तहत दो माह का साधारण कारावास तथा 15 सौ रुपये जुर्माना, धारा 353 के तहत 6 माह का अतिरिक्त साधारण कारवास तथा पांच सौ रुपये जुर्माने से दंडित किया गया है.

वहीं धारा 427 के तहत दो माह का अतिरिक्त कारावास तथा पांच सौ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है.

जुर्माने की रकम अदा न करने पर पांच दिन का साधारण कारावास अलग से भुगतने का निर्देश दिया है.

एडीपीओ विकास टंडन ने अदालत के फैसले को अत्यंत सराहनीय बताया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से आए दिन पुलिस पर हो रहे हमले तथा थाने का घेराव कर तोड़फोड़ करने की घटनाओं में कमी आएगी. पुलिस पर हमला करने वालों का मनोबल गिरेगा. अभियुक्तों की तरफ से अधिवक्ता परीक्षित चतुर्वेदी और प्रशांत सेन ने पैरवी की.

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