छत्तीसगढ़

बजट से असंतुलित विकास को बढ़ावा- माकपा

रायपुर | संवाददाता: माकपा की छत्तीसगढ़ इकाई का कहना है कि आम बजट से देश में असंतुलित तथा अनियोजित विकास को बढ़ावा मिलेगा. जिसका फायदा मलाईदार तबके को होगा न कि गरीबों को. इस बार के बजट में सरकार द्वारा जो खर्च का प्रस्ताव पेश किया गया है उसमें योजना व्यय तथा गैर-योजना व्यय को मिला दिया है. पहले दोनों के लिये अलग-अलग राशि आवंटित की जाती थी. अब गैर योजना व्यय के लिये अलग से राशि का प्रावधान न होने से कुल राशि को किस पर खर्च किया जायेगा इस पर संसद का नियंत्रण नहीं रह जायेगा.

छत्तीसगढ़ माकपा के सचिव संजय पराते ने आगे कहा कि मोदी सरकार द्वारा पेश बजट ‘जनविरोधी, दिशाहीन और भारतीय योजना की विदाई’ वाला बजट है इस बजट में गरीबों के लिये आफत और कार्पोरेटों के लिए राहत के सिवा और कुछ नहीं है.

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों की बढ़ी हुई आर्थिक क्षमता का उपयोग किसानों की कर्जमाफी, उन्हें स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार फसलों की लागत मूल्य पर 50% वृद्धि के साथ लाभकारी मूल्य देने और बेरोजगारों के लिये रोजगार सृजन के लिए होना चाहिये था, लेकिन ऐसा न करने से न केवल देश के विकास दर में और गिरावट आयेगी, बल्कि मानव विकास सूचकांक में भी भयंकर गिरावट आने वाली है.

माकपा राज्य सचिव ने कहा कि दलित-आदिवासियों के उत्थान की बात करने वाली सरकार ने इस तबके के लिये बजट का केवल 3.92% ही आबंटित किया है, जबकि देश में उनकी आबादी कुल जनसंख्या का एक-चौथाई है. इसी प्रकार देश की 50% महिला आबादी के लिये बजट के केवल 5.3% का ही प्रावधान किया गया है.

संजय पराते ने कहा कृषि, मनरेगा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आंगनबाड़ी, मध्यान्ह भोजन आदि में आबंटित बजट मुद्रास्फीति को गणना में लेने के बाद पिछले वर्ष किये गये व्यय से कम ही बैठता है. आयकर में 20 हजार करोड़ रुपयों की जो छूट मध्यम वर्ग को दी गई है, वह अप्रत्यक्ष करों में 75 हजार करोड़ रुपयों की वृद्धि करके छीन ली गई है.

माकपा ने रेल बजट को आम बजट में मिलाने की भी आलोचना की है और कहा है कि अब भारतीय रेल के निजीकरण का रास्ता साफ़ हो जायेगा, लेकिन आम यात्री की सुरक्षा और ज्यादा खतरे में पड़ जायेगी.

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