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चुनाव में फिर भाजपा उतारेगी नये उम्मीदवार

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा पिछली बार की तरह फिर नये चेहरों पर दांव लगायेगी.माना जा रहा है कि एंटी इनकंबेसी फैक्टर से बचने के लिये रमन सिंह फिर पिछले चुनाव का पैंतरा अपनायेंगे. राज्य में भाजपा के अधिकांश विधायकों की रिपोर्ट कम से कम जनता के दरबार में ठीक नहीं है. यह भी सही है कि राज्य में अगर भाजपा चुनाव में रमन सिंह के चेहरे को लेकर पहुंचेगी तो भी उसे उन उम्मीदवारों को बदलना ही होगा, जिनसे जनता नाराज है.

शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने तो कम से कम इशारों में जो कुछ कहा है, उससे तो यही समझ में आता है कि 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव में 50 प्रतिशत वर्तमान विधायकों की टिकट कट सकती है और उनकी जगह नये चेहरों को जगह दी जा सकती है.

हालांकि यह पहली बार नहीं हुआ है. पिछले चुनाव यानी 2013 के विधानसभा चुनाव में भी दोनों ही पार्टियों ने बड़ी संख्या में नये चेहरों को जगह दी थी. अगर आंकड़ों में देखें तो पिछली बार के विधानसभा चुनाव में केवल 24 विधायक ही ऐसे चुने गये थे, जो 2008 के चुनाव में भी विधानसभा में थे. पुराने चेहरों को जनता ने नकार दिया था.

दिलचस्प ये है कि 2013 के चुनाव में छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 में से 41 नये चेहरों को जनता ने विधानसभा में भेजा था. आज की तारीख में भाजपा के 37 में से 24 और कांग्रेस के 36 में से 17 विधायक ऐसे हैं, जो नये चेहरे थे. हालांकि कांग्रेस के कुछ विधायक अब अजीत जोगी की पार्टी में हैं.

पिछले विधानसभा चुनाव में जो नये चेहरे थे, उनमें संतोष उपाध्याय, लाभचंद बाफना, अरुण वोरा, शिवरतन शर्मा, चंपादेवी पावले, श्यामलाल जायसवाल, राजशरण भगत, रोहित साय, शिवशंकर पैकरा, सुनीति राठिया, रोशनलाल अग्रवाल, केराबाई, लखन देवांगन, लखन साहू, डॉ. खिलावन साहू, अंबेश जांगड़े, रामलाल चौहान, रूपकुमारी चौधरी, चुन्नीलाल साहू, डॉ. सनम जांगड़े, श्रीचंद सुंदरानी, नवीन मारकंडे, गोवर्धन मांझी, श्रवण मरकाम, विद्यारतन भसीन, राजेन्द्र राय, तोखन साहू, खेलसाय सिंह, बृहस्पत सिंह, भोलाराम साहू, दीपक बैस, सावलराम डेहरे, अवधेश चंदेल, मोतीराम चंद्रवंशी, अशोक साहू, सरोजनी बंजारे, विमल चोपड़ा, केशव चंद्रा, श्रीमती देवती कर्मा, दीपक बैज, लखेश्वर बघेल, मोहन मरकाम, संत नेताम, शंकर ध्रुवा, दलेश्वर साहू, तेजकुंवर नेताम, गिरवर जंघेल, भैयाराम सिन्हा, अनिला भेड़िया, आर.के. साय, जनकराम वर्मा, चुन्नीलाल साहू, दिलीप लहरिया, श्यामलाल कंवर, उमेश पटेल, चिंतामणी महाराज, अमित जोगी, डॉ. प्रीतम राम, पारसनाथ रजवाड़े, लालजी राठिया, गिरवर जंघेल शामिल हैं.

वैसे चुनाव में अभी वक्त है लेकिन रमन सिंह के तेवर बता रहे हैं कि वे कोई भी जोखिम लेने के पक्ष में नहीं हैं. वैसे भी इस बार उनका मुकाबला केवल कांग्रेस से नहीं है, मुकाबले में अजीत जोगी और उनकी पार्टी भी होगी.

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