छत्तीसगढ़

वन भैंसों को लगाया जा रहा रेडियो कॉलर

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के सीतानदी उदंती अभयारण्य में तीन वन भैंसा और एक गौर को कॉलर आईडी लगाने का काम शुरु हो गया है. शुक्रवार को ही केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इसकी अनुमति दी है.

जंगली जानवरों को बेहोश करने, उसे पकड़ने और उसे कॉलर आईडी लगाने के लिये वाइल्ड लाईफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एनवीके अशरफ और दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञ गुरुवार को ही उदंती सीतानदी बाघ परियोजना पहुंच चुके थे. लेकिन केंद्र सरकार की अनुमति नहीं मिलने के कारण मामला अटका हुआ था.

शुक्रवार को केंद्र सरकार के डीआईजी, फॉरेस्ट, वाइल्ड लाइफ एसपी वशिष्ठ की अनुमति मिलने के तुरंत बाद विशेषज्ञ सक्रिय हो गये. हालांकि श्री वशिष्ठ ने केवल एक गौर को पकड़ने और उसे रेडियो कॉलर लगाने की अनुमति दी है. इसके अलावा तीन वनभैंसों को भी रेडियो कॉलर लगाने की अनुमति दी गई है.

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उदंती सीतानदी बाघ परियोजना में एक वनभैंसा और तीन गौर को रेडियो कॉलर लगाने की योजना बनी थी. इसके अलावा अचानकमार टाइगर रिजर्व और बारनवापारा में एक-एक गौर को भी रेडियो कॉलर लगाने की योजना है.

error: Content is protected !!