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….तो इसीलिये सरकार बेचेगी शराब

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ सरकार को शराब से 33 अरब रुपये का राजस्व मिलता है. पिछले साल याने 2015-16 में शराब की दुकान तथा बार के लाइसेंस से 33 अरब 37 करोड़ 26 लाख 27 हजार 3 सौ 20 रुपये का राजस्व मिला था. इसी तरह से चालू साल में जनवरी 2017 तक सरकार को शराब दुकान तथा बार से 28 अरब 77 करोड़ 98 लाख 92 हजार 084 रुपये का राजस्व मिला है. पिछले साल छत्तीसगढ़ के लोगों ने 12 करोड़ प्रूफ लीटर शराब पी थी इस साल जनवरी तक 10.50 करोड़ प्रूफ लीटर शराब पी जा चुकी है.

इस रकम के महत्व का अंदाज छत्तीसगढ़ सरकार के 2015-16 के बजट पर एक नज़र डालने से पता चल जाता है. उस साल बजट में अधोसंरचना के विकास पर सर्वाधिक 11 हजार करोड़ का प्रावधान था. खाद्य एवं पोषण सुरक्षा हेतु लगभग 5 हजार करोड़ का प्रावधान था. कृषि बजट के लिए 10 हजार 700 करोड़ आबंटित था. युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिये कौशल उन्नयन कार्यक्रमों के लिये 735 करोड़ रुपये का प्रावधान था.

इसके अलावा स्वच्छ भारत अभियान के लिये 300 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिये 700 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना के लिये 250 करोड़ रुपये तथा मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के लिये 600 करोड़ रुपयों का प्रावधान था.

छत्तीसगढ़ सरकार को पिछले साल शराब से सबसे ज्यादा राजस्व रायपुर से 8 अरब रुपये का, दुर्ग से 4.19 अरब रुपये, बिलासपुर से 2.87 अरब रुपये, जांजगीर-चांपा से 2 अरब रुपये का तथा रायगढ़ से 1.67 अरब का मिला था.

छत्तीसगढ़ में हाइवे पर कुल 417 दुकानें हैं जिन्हें हटाया जाना है. इनमें से हाईवे पर सबसे ज्यादा दुकाने दुर्ग में 41 शराब की दुकान, जांजगीर-चांपा में 38, बिलासपुर में 36, रायपुर में 35 शराब की दुकान, रायगढ़ में 26, बलौदाबाजार में 25 हैं.

अब तक निजी ठेकेदार इन दुकानों का संचालन करते आये हैं परन्तु हाईवे से हटा दिये जाने के कारण वे इन्हें चलाने के इच्छुक नहीं हैं. अब इन दुकानों से जो घाटा होगा, उसे पूरा करने के लिए ही कार्पोरेशन का गठन किया जा रहा है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी हाईवे से 500 मीटर की परिधि में आने वाले शराब के दुकानों को हटा दिया जाये.

उल्‍लेखनीय है कि दिसंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर फैसला सुनाया जिसमें गुहार की गई थी कि उत्पाद कानून में संशोधन करने का निर्देश दिया जाये जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हाईवे के किनारे शराब की बिक्री न हो. इस पर हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राष्‍ट्रीय और राज्य राजमार्गों के किनारे शराब के ठेके बंद करने का आदेश दिया है.

छत्तीसगढ़ आबकारी (संशोधन) अध्यादेश 2017 के अनुसार देशी तथा विदेशी मदिरा दुकानों के राजस्व को सुरक्षित रखने तथा राज्य की जनता के स्वास्थ्य हित की दृष्टि से देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर विक्रय का अधिकार सार्वजनिक उपक्रम को दिया जायेगा. इसके लिये राज्य शासन के पूर्ण स्वामित्व वाली नवीन सार्वजनिक उपक्रम बनाया जायेगा.

शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण हुई दुर्घटनायें-
* साल 2015 में शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण देशभर में कुल 16,298 एक्सीडेंट हुये थे.
* जिसमें 6,755 लोगों की जानें गई थी.
* इससे 18,813 लोग घायल हुये थे.

* देश में शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण सबसे ज्यादा एक्सीडेंट मध्यप्रदेश में 2,665 हुये थे.
* दूसरे नंबर पर उत्तरप्रदेश है जहां पर 2,403 एक्सीडेंट हुये थे.
* तीसरे नंबर पर झारखंड है जहां 1,518 एक्सीडेंट हुये थे.
* छत्तीसगढ़ में 227 एक्सीडेंट हुये थे.

* शराब पीकर गाड़ी चलाने से हुये एक्सीडेंट में देश में सबसे ज्यादा मौत उत्तरप्रदेश में 1,404 हुये थे.
* उसके बाद सबसे ज्यादा मौत झारखंड में 906 हुये थे.
* तीसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है जहां 705 मौतें हुई थी.
* छत्तीसगढ़ में 78 मौतें हुई थी.

* इसी तरह से सबसे ज्यादा घायल मध्यप्रदेश में 4,458 हुये थे.
* दूसरे नंबर पर उत्तरप्रदेश है जहां पर 1,735 घायल हुये थे.
* तीसरे नंबर पर बिहार है जहां 991 लोग घायल हुये थे.
* छत्तीसगढ़ में 203 लोग घायल हुये थे.

फोटो: प्रतीकात्मक

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