छत्तीसगढ़

सरकार नक्सलियों से बात करने तैयार

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलियों से बातचीत करने के लिये तैयार है. छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल समस्या के समाधान के लिये लोकतंत्र और संविधान के दायरे में बातचीत करने के लिये तैयार है. छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने रविवार यहां मीडिया को जारी बयान में कहा है कि परस्पर संवाद ही लोकतन्त्र का आधार है. उन्होंने कहा कि नक्सल समस्या निराकरण के लिए राज्य सरकार माओवादियों सहित किसी भी पक्ष से बातचीत के लिए खुले दिल से हमेशा तैयार है. बातचीत के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं लेकिन यह बातचीत लोकतन्त्र और संविधान के दायरे में होनी चाहिये.

रायपुर : सरकार नक्सलियों से बातचीत के लिए हमेशा तैयार : गृहमंत्री पैकरा

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कई बार कह चुके हैं कि अगर नक्सली हिंसा और हथियार छोड़ कर सरकार से वार्ता के लिए आना चाहते हैं तो हम उनसे जरूर बातचीत करेंगे. मुख्यमंत्री ने तो यहां तक कह दिया है कि हिंसा का रास्ता छोड़कर शान्तिपूर्ण जीवन जीने और विकास की मुख्य धारा से जुड़ने वाले नक्सलियों को हम गले लगाने को भी तैयार रहेंगे.”

छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने कहा कि आत्मसमर्पण कर शांतिपूर्ण जीवन यापन करने के इच्छुक नक्सलियों के लिये राज्य सरकार ने आकर्षक पुनर्वास नीति भी बनाई है. इससे प्रभावित होकर बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं और उन्हें पुनर्वास नीति का लाभ मिल रहा है.

गृहमंत्री पैकरा ने यह भी कहा, “नक्सल समस्या के स्थायी समाधान के लिए सरकार की नीति और नीयत बिलकुल साफ़ है.”

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को बस्तर के ताड़मेटला आगजनी की सुनाई करते हुये सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस मोहन बी ठाकुर और आदर्श गोयल की बेंच ने सरकार को शांति स्थापित करने व नक्सलियों से बातचीत शुरु करने का जिक्र किया था.

इस पर सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा था कि वे बातचीत की जरूरत को उच्च स्तर पर पर उठायेंगे. हालांकि इससे तात्कालिक समाधान निकल सकता है, जरूरत स्थायी शांति की है.

छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा के ताजे बयान सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद आया है.

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