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IAS सीबीआई को घूस देना चाहता था

रायपुर | संवाददाता: सीबीआई मामले को रफा-दफा करने के लिये आईएएस ने हवाले से पैसे भेजे थे. सीबीआई ने रविवार को खुलासा किया कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आईएएस अफसर बीएल अग्रवाल ने अपने खिलाफ सीबीआई जांच के प्रभावित करने के लिये बिचौलिये को हवाला के माध्यम से धन भेजा था. आईएएस अफसर ने बिचौलिये से मामले को निपटाने के लिये 1.5 करोड़ रुपये में सौदा किया था. इसी सिलसिले में सीबीआई ने शनिवार को छत्तीसगढ़ वरिष्ठ आईएएस अफसर बीएल अग्रवाल के यहां छापा मारा.

सीबीआई ने बीएल अग्रवाल, हैदराबाद निवासी सैय्यद बुराहुद्दीन व नोयडा में रहने वाले भगवान सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. इस मामले में बीएल अग्रवाल का रायपुर निवासी साला आनंद अग्रवाल और दो हवाला ऑपरेटर संजय तापरिया एवं कांति पुगालिया भी सीबीआई के निशाने पर हैं. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि आरोपी अफसर ने रायपुर के हवाला कारोबारी के माध्यम से 45 लाख रुपये नोयडा में रहने वाले भगवान सिंह को भेजा गया था. इसमें से 20 लाख रुपये नोयडा में रहने वाले बिचौलिये को हवाला कारोबारी ने दे दिये थे.

बाकी की रकम सोने के रूप में दी जानी थी. जिसमें से दो किलो सोना छापे के दौरान बरामद कर लिया गया है. यह हैदराबाद के व्यक्ति सैय्यद बुराहुद्दीन के माध्यम से भेजी जानी थी. सीबीआई ने रायपुर के हावाला कारोबारी के यहां भी छापे मारे हैं.

गौरतलब है कि 1988 बैच के बाबूलाल अग्रवाल अभी छत्तीसगढ़ सरकार में उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव हैं.

बाबूलाल अग्रवाल का नाम 2010 में पहली बार उस समय चर्चा में आया था, जब उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में आयकर विभाद की कार्रवाई हुई थी.

बाबूलाल पर आरोप लगा कि उन्होंने रायपुर ज़िले के खरोरा के 220 गांव वालों के नाम से फर्जी बैंक खाते खुलवा कर उसमें भारी निवेश किया है. बाबूलाल पर 253 करोड़ की संपत्ति तथा 85 लाख के बीमा की खबरें सामने आई थीं.

इसकी कई कहानियां छपी, अफवाहें उड़ीं, बाबू लाल निलंबित हुये और अंततः सरकार ने बाबूलाल अग्रवाल को बेदाग घोषित करते हुये उन्हें महत्वूर्ण पद दे दिया. बाबूलाल अग्रवाल ने पूरे मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसके बाद उन्हें बेदाग घोषित किया गया था.

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