छत्तीसगढ़

जिंदल: बगैर अनुमति पॉवर प्लांट बनाया

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में जिंदल ने बिना वन तथा पर्यावरण मंत्रालय मंजूरी के दो पॉवर प्लांट का निर्माण किया. उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने के पहले केन्द्र सरकार के वन तथा पर्यावरण मंत्रालय एवं छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल से अनुमति लेना कानूनी रूप से आवश्यक है. इसके उलट सरकारी महकमों तथा मंत्रालय को अनदेखा कर जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड ने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के ग्राम डोगामहुआ में केप्टिव पॉवर प्लांट प्रोजेक्ट की शुरुआत कर दी.

जिंदल ने रायगढ़ के ही तमनार ग्राम में जिंदल पॉवर लिमिटेड का निर्माण शुरु करा दिया. जाहिर है कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ को अपनी जागिर समझने वाले जिंदल ने इसके लिये भी पर्यावरण मंत्रालय तथा छत्तीसगढ पर्यावरण संरक्षण मंडल से पूर्व अनुमति नहीं ती.

जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड का यह कृत्य छत्तीसगढ़ आकर यहां के पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाला है. जाहिर है कि पर्यावरण मंत्रालय तथा छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल से अनुमति लेने का तात्पर्य है कि उद्योग से राज्य का पर्यावरण न बिगड़े इसकी हिफाज़त करना है.

जिंदल के अलावा और ग्यारह उद्योगों ने केन्द्र सरकार के वन तथा पर्यावरण मंत्रालय और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को धता बताकर उद्योगों का निर्माण कार्य शुरु कर दिया है.

इनमें राधा माधव इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, राजाराम मेज प्रोडक्ट, यूबी इंजीनियरिंग फ्रेब्रीकेशन यूनिट, प्रेक्सेयर इँडिया प्राइवेट लिमिटेड, बीईसी फूड्स, सारडा एनर्जी एंड मिनरल्स लिमिटेड, रायगढ़ इस्पात एंड पॉवर लिमिटेड, कोरबा वेस्ट पॉवर कंपनी लिमिटेड, बीसा पॉवर लिमिटेड, जीएमआऱ छत्तीसगढ़ एनर्जी लिमिटेड तथा गोदावरी पॉवर एंड स्टील लिमिटेड शामिल हैं.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जिंदल के रायगढ़ जिले के ग्राम डोगामहुआ में केप्टिव पॉवर प्लांट प्रोजेक्ट पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 जल अधिनियम 1974 तथा वायु प्रदूषण निवारण अधिनियम 1981 के तहत न्यायालय में 13-10-2010 को वाद दायर किया है.

इसी तरह से जिंदल के रायगढ़ के ही तमनार ग्राम में जिंदल पॉवर लिमिटेड के खिलाफ भी 7-7-2010 को न्यायलय में वाद दायर किया गया है.

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