छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: 10 माह की बच्ची का कत्ल

जशपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में 10 माह की बच्ची के कत्ल के आरोप में मां को गिरफ्तार किया गया है. मामला छत्तीसगढ़ के जशपुर का है जहां शुक्रवार को 28 वर्षीया मां ज्योति रवानी ने अपने 10 माह के बच्ची के रोने से खीजकर पीढ़ी से मार-मारकर उसकी हत्या कर दी. घटना शाम के 6 बजे के करीब की है. पुलिस ने ज्योति रवानी को गिरफ्तार कर लिया है.

मिली जानकारी के अनुसार ज्योति के तीन बच्चे हैं. सबसे छोटी 10 माह की बच्ची थी. ज्योति जशपुर के पैलेस के पीछे एक मकान में रहती है. उसका पति मुन्नु रवानी तीन माह पहले चोरी के आरोप में गिरफ्तार होकर जेल में बंद है.

शुक्रवार को ज्योति के पति का दोस्त शुभम जेल से रिहा होकर ज्योति से मिलने पहुंचा था. उसके साथ में उसका एक दोस्त भी था. बताया जा रहा है कि शुभम ने वहां बैठकर शराब पीया तथा जाते-जाते ज्योति रवानी से कहा कि अपने पति मुन्नु रवानी की जल्द से जल्द जमानत करवा दें.

इसी बीच ज्योति की 10 माह की बच्ची रोने लगी. जिससे खीजकर, ज्योति ने उशके पुंह पर पीढ़ी से कई वार किया. बच्ची के मुंह से खून निकलने लगा तथा उसकी मौत हो गई. इस बीच ज्योति की बहन वहां पहुंची तथा उसने पुलिस को फोनकर बुलाया.

पहले पुलिस को ज्योति ने बताया कि बिल्ली ने उसकी सोती हुई बच्ची को नोंच डाला था. जब पुलिस को उसके कपड़े तथा मच्छरदानी में लगे हुये खून के छीटे से उसके बयान पर शक हुआ तो कड़ाई से पूछताछ की गई. कड़ाई से पूछताछ करने पर ज्योति ने अपना अपराध कबूल कर लिया.

पुलिस ने ज्योति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है.

माता क्यों बनी, कुमाता ?
जशपुर की ज्योति ने अपनी दस माह की बिटियां की जीवन ज्योति बुझा दी. बड़े ही क्रूर ढ़ंग से, पीढ़े से मार-मार करके. पहले तो वह पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करती रही परन्तु जल्द ही टूट गई. ज्योति ने कबूल कर लिया कि उसने ही अपनी बेटी का कत्ल किया हैं. कहा जाता है पूत कपूत हो सकता है परन्तु माता कभी कुमाता नहीं हो सकती. ज्योति ने इसे झुठलाकर अपनी ही दुधमुंही बच्ची का कत्ल कर दिया.

दर्शनशास्त्र कहता है कि कोई जन्म से ही अपराधी नहीं होता है. यह परिस्थिति होती है जो अपराध करवाकर अपराधी बना देती है. ज्योति द्वारा अपनी बच्ची की हत्या किये जाने के नेपथ्य में कौन सी परिस्थिति थी कि जिसने उसे कुमाता बनने को मजबूर कर दिया?

28 वर्षीया ज्योति रवानी का पति मुन्नु रवानी चोरी के अपराध में जेल में बंद है. ज्योति के पास अपने तीन बच्चों का पेट पालने का ही जुगाड़ नहीं है. इस स्थिति में वह अपने पति की जमानत कैसे करवा सकती है. न्याय पाने के लिये भी इस समाज में पैसे खर्च करने पड़ते हैं.

उस दिन ज्योति के पति का दोस्त जेल से छूटकर आया था. उसने ज्योति से मुन्नु की जल्द जमानत करवाने की बात की थी. जाहिर है कि अपने पति की जमानत न करवा सकने की तंगी से जूझ रही ज्योति बच्ची के रुद्रन ने कुपित होकर, खीजकर, हारकर उसके मुंह पर पीढ़ी से कई वार कर बैठती है. जाहिर है कि आर्थिक तंगी ज्योति के कुमाता बनने के पीछे प्रमुख कारण है.

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