कृषि

सब्जी की खेती से अतिरिक्त आय

नारायणपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के किसान अब खरीफ फसल के साथ ही साग-सब्जी का उत्पादन कर अपने परिवार को खुशहाली की ओर अग्रसर कर रहे हैं. इसका उदाहरण हैं संवेदनशील क्षेत्र झारा मड़मनार निवासी समलू पटेल,जो अपने 5 एकड़ कृषि भूमि में से करीब 3 एकड़ रकबे पर साग-सब्जी उत्पादन कर अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ का समलू पटेल पहले 4 एकड़ खेती जमीन पर धान की पैदावार लेकर किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. इस बीच छत्तीसगढ़ कृषि और उद्यानिकी विभाग के मैदानी अमले की सलाह पर कृषि भूमि के समीप बहने वाले नाले से पानी की सिंचाई के जरिये साग-सब्जी का उत्पादन करने की ठानी. इस हेतु समलू को शाकंभरी योजनान्तर्गत विद्युत पंप सुलभ कराया गया, वहीं उद्यानिकी विभाग के द्वारा सब्जी बीज मिनीकिट तथा आवश्यक मार्गदर्शन भी समय-समय पर मिला.

जिससे समलू ने पूरी लगन एवं मेहनत के साथ साग-सब्जी उत्पादन पर ध्यान केन्द्रीत किया. इन सब सार्थक प्रयासों के फलस्वरूप समलू को भरपूर उत्पादन मिलने लगा. समलू ने बताया कि अपने उत्पादित साग-सब्जी को वह स्थानीय साप्ताहिक बाजार धौंड़ाई, छोटेड़ोंगर, फरसगांव सहित नारायणपुर में विक्रय कर हर सप्ताह करीब 4 से 5 हजार रूपये आमदनी अर्जित कर रहा है.

उसने बताया कि उसके 7 सदस्यीय परिवार में पत्नी धनोबाई तथा 4 बेटी एवं एक बेटा है, पत्नी सहित 3 बड़ी बेटियां भी स्कूल के बाद साग-सब्जी उत्पादन में मदद करते हैं. अभी अपने खेत पर बरबट्टी, भिंडी और टमाटर की फसल कर रहे समलू नाले के किनारे एक कुंआ निर्मित कर चुका है,जिससे पानी का सदुपयोग हो रहा है.

समलू की मेहनत एवं लगन से प्रभावित होकर छत्तीसगढ़ के उद्यानिकी विभाग ने उसे शत्-प्रतिशत अनुदान पर 2 लाख रूपये का प्री-कूलिंग चेम्बर प्रदान किया गया है, जिससे समलू अपने सब्जी को दस-पन्द्रह दिन तक ताजी रख लेता है. सहायक संचालक उद्यान रामवरनसिंह ने बताया कि समलू को हाईब्रीड सब्जी बीज मिनीकिट का उपयोग करने सहित संतुलित ऊर्वरक का प्रयोग करने निरंतर प्रेरित किये जाने से उसके उत्पादन में वृद्वि हुई है.

अब समलू को छत्तीसगढ़ कृषि विभाग से नलकूप खनन तथा उद्यानिकी विभाग के द्वारा ड्रिप सिंचाई प्रणाली के लिए सहायता सुलभ कराये जाने स्वीकृति दी गयी है, ताकि समलू साग-सब्जी उत्पादन को बेहतर ढंग से बढ़ावा दे सके.

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं से लाभान्वित होने के साथ ही अपनी लगन एवं मेहनत के जरिये समलू अब स्वावलम्बी कृषक बन गया है और अपने पुत्र एवं पुत्रियों के पढ़ाई पर ध्यान दे रहा है.

वहीं क्षेत्र के किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बनने के लिए अभिप्रेरित करने के फलस्वरूप गांव के समीप बहने वाले नाले में निर्मित स्टॉपडेम के पानी का सदुपयोग कर साग-सब्जी का उत्पादन करने के लिए ग्रामीण आगे आ रहे हैं.

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