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छत्तीसगढ़: धान में गड़बड़ी, 4 निलंबित

रायपुर | संवाददाता: बलौदाबाजार-भाटापारा में धान संग्रहण में प्रथम दृष्टया गड़बड़ी पाये जाने के कारण मार्कफेड के चार अधिकारी तथा कर्मचारियों को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया है. यह कार्यवाही बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के ग्राम आलेसुर और देवरी सुमा के संग्रहण केन्द्रों मं गड़बड़ी पाये जाने के कारण की गई है. निलंबितों के खिलाफ़ विभागीय जांच शुरु कर दी गई है.

प्रथम दृष्टि में दोषी पाए गए दोनों संग्रहण केन्द्र प्रभारियों सहित दो राइस मिलरों के खिलाफ एफ.आई. आर. भी दर्ज करायी गई है.

छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले ने बताया कि आलेसुर संग्रहण केन्द्र में खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 के रखे गए 8,870 मीटरिक टन और देवरीसुमा संग्रहण केन्द्र में 9,447 मीटरिक टन धान की अफरा-तफरी जांच में पकड़ी गई है. गंभीर अनियमितताओं के आरोप में जहां जिला विपणन अधिकारी और प्रभारी खाद्य अधिकारी को माह दिसम्बर 2015 में और दोनों संग्रहण केन्द्र के प्रभारियों को जुलाई 2015 में निलम्बित किया जा चुका है.

इन सभी निलंबित अधिकारियों और कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच की कार्रवाई की जा रही है. साथ ही मार्कफेड के इन आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों से धान की राशि की वसूली की कार्रवाई भी की जा रही है. इसके अलावा दोनों संग्रहण केन्द्र प्रभारियों के खिलाफ भाटापारा पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करायी गई है.

खाद्य मंत्री ने बताया कि जिला प्रशासन और राज्य शासन के स्तर पर करायी गई जांच में बिना डिलीवरी ऑर्डर के राईस मिलर्स को धान जारी होना, मोटा धान के डिलीवरी ऑर्डर पर सरना धान जारी करना, मिलर को जारी धान की तौल में गडबडी तथा धान में असामान्य कमी जैसी गंभीर अनियमितता पायी गई है.

इन अनियमितताओं के आधार पर देवरीसुमा संग्रहण केन्द के प्रभारी महेन्द्र बरेठ और आलेसुर संग्रहण केन्द के प्रभारी रामानुज सिंह ठाकुर को मार्कफेड मुख्यालय द्वारा जुलाई 2015 में निलंबित किया जा चुका है. श्री मोहले ने बताया कि राज्य शासन द्वारा तत्परता से कडी अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है. इस प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज होने के बाद पुलिस द्वारा विवेचना की जा रही है.

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