बस्तर

छत्तीसगढ़: पेटा है थर्ड जेंडर मुर्गा

रायपुर | एजेंसी: क्या आप लोगों ने यह सुना और देखा है की मुर्गे भी थर्ड जेंडर होते हैं. यदि नहीं तो छत्तीसगढ़ के बस्तर आ जाएं जहां इस तरह के मुर्गे पाए जाते हैं ऐसे मुर्गो को ग्रामीण आदिवासी ‘पेटा’ कहते हैं. कहने को तो पेटा नपुंसक होता है, परन्तु बस्तर के कुकड़ा घाली में वह अपने प्रतिद्वंदी मुर्गे को सहजता से पछाड़ देता है, इसलिए ग्रामीण इन्हे दूसरे सामान्य मुर्गो से लड़ाते हैं. बताया गया कि औसतन दस हजार चूजों में एक उभयलिंगी मुर्गा निकलता है.

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एकमात्र चयनित व बेंगलुरू से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे प्रदेश के दूसरे चिक्स सेक्सर तथा सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी रूद्रनारायण पाणिग्रही ने बताया कि ऐसे मुर्गो की पहचान उस समय ही हो पाती है, जब चूजा एक दिन का होता है. बाद में इसकी पहचान ग्रामीण इसके व्यवहार से करते हैं. ऐसे थर्ड जेंडर कॉक के अंडों से चूजा की संभावना कम ही होती है.

पशु चिकित्सा विभाग जिन मुर्गो को थर्ड जेंडर कॉक कहता है. उसे ही बस्तर के ग्रामीण पेटा मुर्गा कहते हैं. ग्रामीण इसकी पहचान इसके व्यवहार से करते हैं. मंगलवार को ऐसे ही एक पेटा मुर्गा ने पाकेला कुकड़ा घाली में दो लड़ाकू मुर्गो को चित कर दिया.

इसे लेकर कावापाल से आए महादेव ने बताया कि यह बांग भी देता है और अण्डे भी. दूसरे मुर्गो को देखकर लड़ने दौड़ पड़ता है, इसलिए इसे मुर्गा बाजार में लड़ाने लाते हैं. ऐसे मुर्गो की कीमत 800 रुपये से अधिक होती है. अब इस तरह की जानकारियां मिलने पर लोग सिर्फ पेटा मुर्गे को देखने के लिए ही दूर-दूर से यहां आते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!