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राजधानी में अपराध क्यों बढ़ रहें हैं?

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में आराम से बंदूक की गोलियां मिल जाती है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के हथियार कारोबारी के यहां बिना जांच-पड़ताल के ही कोई भी आसानी से बंदूक की गोली खरीद सकता है. हिन्दी के एक अग्रणी अखबार द्वारा किये गये स्टिंग ऑपरेशन से यह बात उजागार हुई है. इससे पहले राजधानी में ही एक होम्योपैथिक डॉक्टर की गिरफ्तारी खुफिया तौर पर निजी तथा अवैध बंदूक बनाने की फैक्ट्री चलाने के कारण हुई थी. वहां से पुलिस को हथियारों का जखीरा मिला था.

पिछले कुछ माह से राजधानी में अपराधी सराफा व्यापारी को गोली मारकर, शराब के ठेकेदारों पर गोलिया चलाकर लूट को अंजाम दे रहे हैं. यहां तक कि नया रायपुर में भी एक प्रेमी को सुनसान स्थान पर गोली मार दी गई थी. रविवार के ही दिन राजनांदगांव में पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर को हाइवे पर गोली मार दी गई है.

सरकारी आकड़ों तथा हकीकत के अनुसार छत्तीसगढ़ में नक्सली सबसे ज्यादा खूनी वारदात करते हैं. रायपुर में सिमी के स्लीपर सेल के भी खुलासे हुये थे. ऐसे में ऐन राजधानी में खुलेआम बिना किसी जांच के बंदूक की गोलियां बिकना अपराध तथा खूनी वारदात को बढ़ावा देने वाला साबित हो सकता है.

हालांकि, अभी तक इनके बीच किसी तरह के संबंधों की बात सामने नहीं आई है परन्तु हथियारों के लिये धड़ल्ले से गोलियां का मिलना अपने आप में खतरनाक संकेत लिये हुये है.

उल्लेखनीय है कि पुलिस को भरोसे में लेकर किये गये इस स्टिंग ऑपरेशन में टिकरापारा के हथियार व्यवसायी मां शारदा ट्रेडर्स व राजधानी गन हाउस में दूसरे के लाइसेंस नंबर पर बड़े आराम से रिवाल्वर की 8 गोलियां खरीद ली गई. दुकानदार को नियमानुसार पड़ताल करने के बाद केवल उसी व्यक्ति को गोली बेचने की इजाजत है जिसके नाम पर लाइसेंस बना है.

सबसे हैरत की बात है जो स्टिंग ऑपरेशन के दौरान उजागार हुई है वह है 95 रुपये में मिलने वाले गोली को 130 रुपयों में बेचा गया वह भी बिना रसीद के.

गौरतलब है कि भारत में हथियारों के मामले में ब्रिटेन का अनुसरण किया जाता है. जिसके अनुसार हथियार तथा उसकी गोलियां अत्यंत कड़ाई के बाद मिलती है वह भी केवल लाइसेंस होने पर ही. इस तरह से हथियारों तक हर किसी की पहुंच आसानी से नहीं हो पाती है. इससे अपराधों को कम करने में मदद मिलती है.

दूसरी तरफ, अमरीका में हथियार तथा उसकी गोलिया आसानी से उपलब्ध हैं. वहां की बहुसंख्य आबादी के पास हथियार हैं. नतीजन वहां अपराध भी ब्रिटेन की तुलना में ज्यादा होते हैं.

जाहिर है कि हथियारों की अवैध फैक्ट्री तथा धड़ल्ले से उसकी गोलियां की बिक्री छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को एक दिन ‘अपराध की राजधानी’ शिकागो बना दे तो कोई आश्चर्य न होगा.

जाहिर है कि जहां आसानी से हथियारों के लिये गोलियां मिल जाती है, जहां हथियार बनाने की निजी व अवैध फैक्ट्री चलती है वहां अपराध का ग्राफ बढ़ना तय है.

रायपुर में हुये इस खुलासे के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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