बिलासपुर

छत्तीसगढ़: किसान कर रहे हैं बेगारी

रतनपुर | उस्मान कुरैशी: छत्तीसगढ़ के संग्रहण केन्द्रों में किसानों के धान खरीदी की मियाद अब सप्ताह भर बाकी है. पर यहां कि अव्यवस्थाएं है कि कम होने का नाम नहीं ले रही है. संग्रहण केन्द्र में किसानों से बेगारी कराके खरीदे गए धान के बोरों की सिलाई और छल्ली जमाने का काम लिया जा रहा है. छोटे किसानों को तरह तरह से परेशान किया जा रहा है.

सेवा सहकारी समिति मर्यादित बाम्हू पंजीयन क्रमांक 124 के धान उपार्जन केन्द्र में धान खरीदी की अव्यवस्था से किसान परेशान है. यहां धान की तौलाई बोरों की सिलाई और खरीदे गए धान के बोरों की छल्ली जमाने कागजों में तो करीब 17 हमाल काम कर रहे है. पर यहां किसानों को सारा काम किसानों को खुद करना पड़ रहा है. समर्थन मूल्य पर धान बेचने किसान रोज पहुंच रहे है. जिनके धान की तौलाई 15 से 30 दिन में हो पा रही है. अव्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने वाले किसानों को परेशान किया जा रहा जिससे भयभीत किसान यहां बेगारी करने को मजबूर है. समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी का समय अब सप्ताह भर शेष रह गया है. अभी भी भारी मात्रा में किसानों के धान संग्रहण केन्द्र में रखा हुआ है. जिनकी तौलाई कराने किसानों को अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा.

धान बेचने आए अकलतरी के किसान देवेन्द्र पाण्डेय कहते है कि पूरे केन्द्र में भारी अव्यवस्था है. किसानों को ही धान की तौलाई बोरों की सिलाई और धान के बोरों की छल्ली जमाने का का लिया जा रहा है. हमाल है पर कोई काम नही करता है. वे कहते है कि उसे अपनी धान की तौलाई कराने के लिए तीन लेबर लेके आना पड़ा है. वहीं बीते दो दिनों से काम कर रहे है. यहां धान के बोरे लेने के लिए भी लाईन लगानी पड़ती है. वे नाराजगी जताते कहते है कि संग्रहण केन्द्र में धान आने के बाद 15 से महीना भर का वक्त तौलाई के लिए लग जाता है.

डगनिया के किसान पुन्नीराम संग्रहण केन्द्र में अपनी तौलाई हो चुके धान के बोरों की सिलाई करते नजर आए. उन्होने 110 बोरी धान यहां बेचा है. उनको तो अब ये भी याद नही रहा कि उन्होने धान कब लाया था. पूछने पर वे कहते है कि साहब लोगों ने धान के बोरों की सिलाई करने को कहा है.

वहीं धान उर्पाजन केन्द्र की अव्यवस्थाओं को सेवा सहकारी समिति मर्यादित बाम्हू के प्रबंधक बलराम कष्यप सिरे से नकारते हुए कहते है कि किसान स्वेच्छा से धान की तौलाई बोरों की सिलाई और बोरो की छल्ली जमाने का काम कर रहे है. उन पर किसी ने दबाव नही डाला है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!