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सड़क पर सब्जी फेंकने को मजबूर किसान

अंबिकापुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर के किसान भी सब्जियों के दाम न मिलने से सड़क पर उतर आये. सरगुजा संभाग की सबसे बड़ी सब्जी मंडी सूरजपुर के सिलफिली में है. जहां पिछले कुछ दिनों ने किसान अपनी सब्जियां लेकर आ रहे थे परन्तु दाम न मिलने के कारण उन्हें वापस लौट जाना पड़ रहा है. गुरुवार को उन्हीं किसानों ने अंबिकापुर-मनेन्द्रगढ़ नेशनल हाइवे- 43 पर सब्जियां बिखेर कर जाम लगा दिया. किसानों की मांग है कि सरकार वहां पर कोल्ट स्टोरेज खोले ताकि उनकी सब्जियों को कुछ दिनों तक सुरक्षित रखा जा सके. किसानों द्वारा जाम लगाये जाने से नेशनल हाइवे के दोनों तरफ दो-दो किलोमीटर लंबी वाहनों की लाइन लग गई. उसके बाद प्रशासन के लोग वहां पर पहुंचे.

गौरतलब है कि नोटबंदी के दौरान सब्जियों की बिक्री घटने के बाद से उनका भाव गिर गया है. दूसरी तरफ इस बार रिकॉर्ड मात्रा में सब्जियों का उत्पादन हुआ है. सब्जियों को सुरक्षित रखने का किसानों के पास कोई उपाय नहीं है. इस कारण से भाव मिलने के कारण सब्जियां सड़ जा रही है. किसानों का कहना है कि उनके फसल उगाने की खर्च तथा मेहनत की बात छोड़िये, इन सब्जियों को तोड़वाकर गाड़ी में भरकर लाने में जितना खर्च हो रहा है उतना भी दाम नहीं मिल पा रहा है.

किसानों ने सड़क पर टमाटर, फूलगोभी, पत्तागोभी जैसी सब्जियां फेंकर जाम लगा दिया तथा उसपर लेट गये. नेशनल हाइवे पर करीब तीन घंटे तक जाम लगा रहा. बाद में तहसीलदार उमेश कुशवाहा ने आकर आश्वासन दिया कि सरकार सिलफिली में 2 करोड़ 80 लाख रुपयों से कोल्ड स्टोरेज खोलने की मंजूरी दे दी है तब जाकर किसानों ने जाम उठाया.

छत्तीसगढ़ में इससे पहले भी नोटबंदी तथा अति उत्पादन के कारण पत्थलगांव एवं दुर्ग संभाग में इस तरह के प्रदर्शन हो चुके हैं.

सूरजपुर में किसानों के प्रदर्शन पर छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा दुर्भाग्यपूर्ण है कि 13 साल की रमन सरकार किसानों के हितों की रक्षा नहीं कर पा रही है. पत्थलगांव के बाद आज सिलफिली में भी किसानों को अपनी मेहनत की उपज सड़कों पर फेंकनी पड़ रही है. यह नोटबंदी का विपरीत असर है, जिस कारण से किसानों को सही कीमत नहीं मिल पा रही है.

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