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तीन दिन में बाल विवाह के 11 मामले

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में बाल विवाह लगातार जारी है. पिछले तीन दिनों में अकेले सूरजपुर जिले में सरकारी अधिकारियों ने कम से कम बाल विवाह के 11 मामलों को पकड़ा और उसमें हस्तक्षेप करते हुये बाल विवाह को रुकवाया.

14 अप्रैल को जिला बाल संरक्षण इकाई सूरजपुर एवं पुलिस थाना सूरजपुर द्वारा ग्राम पीढ़ा के दो नाबालिको के विवाह पर उनके दस्तावेजों के निरीक्षण पर शिकायत की पुष्टि होने पर समझाईस दी गई. 14 अप्रैल को ही ग्राम पंचायत पसला में बाल नाबालिक के विवाह की सूचना पर टीम गई, जहां बालिका की कम उम्र होने पर ग्रामवासियों के समक्ष पंचनामा तैयार कर विवाह से होने वाले नुकसान के संबंध में जानकारी दी गई और विवाह को रोका गया.

15 अप्रैल ग्राम दवना, करौटी एवं लोधिमा में बड़ी संख्या में बाल विवाह की खबर के बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रियंका ठाकुर के निर्देश पर दो टीम बना कर कर जांच करने के लिये रवाना हुई. दवना गांव में जाच कमेटी ने पाया कि वहां पांच विवाह हो रहे थे, जिनमें तीन बाल विवाह के प्रकरण थे.

इसी तरह करौंटी गांव में तीन शादियां हो रही थीं, जिनमें दो में लड़कियों की उम्र 18 वर्ष से कम थी. इसके बाद सरकारी अधिकारियों ने विवाह को रुकवाया. ग्राम पंचायत लोधिमा में जांच कमेटी ने बाल विवाह के तीन प्रकरण पकड़े और तीनों ही मामलों में हस्तक्षेप कर शादी रुकवाई.

बाल विवाह रोकने में विधिक सह परिविक्षा अधिकारी अमित भारिया, संरक्षण अधिकारी प्रियंका सिंह, अखिलेश सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता कमला तिग्गा, अंजनी साहू, हर गोविन्द चक्रधारी, बालिन्दर प्रसाद सिंह, पवन धीवर, चाईल्ड लाईन से ललिता जायसवाल, विमला राजवाड़े, कृष्णकांत, पुलिस विभाग से सुखीचंद एक्का, अमेश सिंह, तिलेश्वर सिंह एवं महिला आरक्षक बालकुमारी ने सक्रिय भूमिका निभाई.

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