राष्ट्र

देश को समेकित विकास की जरूरत: राहुल गांधी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय उद्योग संघ (सीआईआई) के सालाना सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपने भाषण में देश की अर्थव्यवस्था और राजनीति दोनों को एक साथ साधा. भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश को समेकित विकास की जरूरत है जिसके लिए हमें अपने बुनियादी ढांचे को और मजबूत करना होगा. इसके लिए हमें हर तरफ बिजली पानी और इमारतों की जरूरत होगी जो उद्योग जगत की मदद से ही हो सकता है.

राहुल ने कहा कि भारतीय शासन व्यवस्था में भारी बदलाव की जरूरत है लेकिन ऐसा करना किसी एक व्यक्ति के बस में नहीं है. अगर उस एक व्यक्ति को पूरी ताकत भी सौंप दी जाए, सब कुछ भी दे दिया जाए तो भी वो एक अरब लोगों की समस्याएं नहीं सुलझा सकता. राहुल के अनुसार इसके लिए उद्योगजगत, नौकरीपेशा, सरकारी तंत्र और गरीब सभी के एक साथ आने की जरूरत है.

उद्योग संघ से पहली बार रूबरू हो रहे राहुल ने प्रभावशाली ढंग से अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारे देश में मानवशक्ति अपार है लेकिन उसका ठीक उपयोग नहीं हो पा रहा है. इसके लिए शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव की वकालत करते हुए राहुल ने कहा कि शिक्षा को रोजगारपरक बनाने की ज़रूरत है, जिससे युवाओं को नौकरियां मिल सके.

देश की राजनीति पर बोलते हुए राहुल ने कहा कि हमारी समस्या है कि राजनीति केवल अंकगणित का खेल बन कर रह गई है जो कि एक बड़ी समस्या है. भले ही वो कांग्रेस हो, भाजपा हो या कोई अन्य पार्टी सब 200-300 के आंकडे के ही जुगाड़ में लगे हुए हैं.

राहुल ने यूपीए सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने यूपीए सरकार के कार्यकाल में तीव्र आर्थिक वृद्धि दर्ज की, क्योंकि उसने समुदायों के बीच तनाव घटाया तथा सौहार्द को बढ़ाया. अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए राहुल बोले कि अलगाव की राजनीति देश को तोड़ती है जो कि गलत है.

राहुल के अनुसार नफरत की राजनीति के बीच विकास के फूल नहीं खिल सकते क्योंकि जब आप किसी समुदाय विशेष को अलग-थलग करने की राजनीति करते हो तो आप लोगों को, उनके विचारों को आगे बढ़ने से रोकते हैं जो देश के समग्र विकास का गतिरोधक है.

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