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नेताजी: विदेशी फाइले भी होंगी सार्वजनिक

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: नेताजी ने संबंधित विदेशी फाइलों को भी सार्वजनिक किया जायेगा. इसके लिये प्रधानमंत्री मोदी खुद पहल करेंगे. प्रधानमंत्री ने नेताजी से जुड़ी उन फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए विदेशी सरकारों से अनुरोध करने पर भी सहमति जताई जो उनके पास उपलब्‍ध हैं. उन्‍होंने कहा कि वह न केवल इस बारे में विदेशी सरकारों को पत्र लिखेंगे, बल्कि विदेशी नेताओं के साथ होने वाली बैठकों में भी यह मसला उठाएंगे. इसकी शुरुआत दिसम्‍बर में रूस से होगी.

23 जनवरी से नेताजी की गोपनीय फाइलों को सार्वजिनक किया जायेगा. इसकी घोषणा बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने की है. 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है. प्रधानमंत्री मोदी ट्वीट किया है, “इतिहास को दबाने की ज़रूरत नहीं होती. जो देश अपने इतिहास को भूल जाते हैं वो इतिहास नहीं बना पाते.”

बुधवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजन प्रधानमंत्री मोदी से मिले थे. उन्होंने प्रधानमंत्री से नेताजी से संबंधित गोपनीय सरकारी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग की ताकि देश को उनके बारें में जानकारी मिल सके.

एक घंटे चली बैठक के दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों ने नेताजी से जुड़ी उन फाइलों को सार्वजनिक करने का आग्रह किया जो भारत सरकार के पास उपलब्‍ध हैं. उन्‍होंने सुझाव दिया कि भारत सरकार को नेताजी से जुड़ी उन फाइलों को सार्वजनिक करने की प्रक्रिया भी शुरू करनी चाहिए, जो विदेशी सरकारों के पास उपलब्‍ध हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी के परिवार के सदस्यों के सुझाव उनकी अपनी सोच और केंद्र सरकार के विचार से पूरी तरह मिलते-जुलते हैं.

उल्लेखनीय है कि पीएमओ में नेताजी से संबंधिक करीब 100 गोपनीय फाइलें हैं.

हाल ही में पश्चिम बंगाल सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 64 फ़ाइलें सार्वजनिक की थीं. इन फ़ाइलों में 12 हज़ार से अधिक पन्ने हैं. अधिकतर फ़ाइलें बोस और उनके परिवार पर खुफ़िया अधिकारियों की रिपोर्ट्स हैं. इन फ़ाइलों में भारत की आज़ादी से पहले और आज़ादी के बाद के दस्तावेज़ शामिल हैं.

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