छत्तीसगढ़

शहरों में दिवाली गांवों में अंधेरा

रायपुर | समाचार डेस्क: दीपावली के त्योहार पर छत्तीसगढ़ के कई जिलों में रात को अंधेरा कायम रहा. सूबे के धमतरी जिले में तो सर्वाधिक 380 गांव आज भी उजाले के लिए तरस रहे हैं. कहने को तो इन गांवों में बिजली पहुंच चुकी है, लेकिन स्ट्रीट लाइट नहीं जलती. किसी गांव ने कनेक्शन नहीं लिया तो किसी गांव का कनेक्शन बिल नहीं पटाने से कट गया है. दिन ढलते ही ज्यादातर गांवों में अंधेरा छा जाता है. दिवाली में भी बिजली नहीं मिलने से ग्रामीण आक्रोशित हैं.

बताया जाता है कि धमतरी को जिला बने 14 वर्ष हो गए, इतना ही नहीं, यहां विकास के नाम पर अब तक अरबों रुपये फूंके गए. जिले के शहरी क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था पर्याप्त है, लेकिन सुदूर ग्रामीण अंचलों की हालत आज भी बेहद खराब है. जानकारी के मुताबिक, जिले में कुल गांवों की संख्या 642 है.

रिकार्ड बताते हैं कि इनमें से 242 गांवों में स्ट्रीट लाइन का कनेक्शन है, 20 गांवों की स्ट्रीट लाइट सोलर पैनल से जल रही है, लेकिन 380 गांवों की स्ट्रीट लाइटें नहीं जलतीं. जैसे ही दिन ढलता है, इन गांवों में अंधेरा छा जाता है. सुबह सूरज न निकलते तक इन गांवों में अंधेरे का साम्राज्य रहता है.

सिहावा ब्लाक के वनग्राम खुर्द के ग्रामीण विष्णु सिदार का कहना है कि रात में बड़ी दयनीय स्थिति रहती है. जंगली जानवर और कीड़े-मकोड़े का भय भी हमेशा बना रहता है. शिकायतों के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ है.

ग्रामीण बताते हैं कि इन ग्रामों की गलियों में रोशनी लाने के लिए न ही कभी जनप्रतिनिधियों ने मशक्कत की और न ही प्रशासन ने. दिखावे के लिए गांव के घरों में कनेक्शन भी लगे हैं. घरों की लाइट बंद होने पर गांव में घुप अंधेरा छा जाता है.

खंबों में स्ट्रीट लाइट लगाने की मांग ग्रामीण सालों से कर रहे हैं, लेकिन इनकी कोई नहीं सुनता. अब ग्रामीण अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों को खूब कोस रहे हैं. गांव वाले आगामी चुनाव में गांव की समस्याओं को लेकर नेताओं को घेरने की बात कह रहे हैं.

धमतरी विद्युत विभाग के ईई अशोक खंडेलवाल का कहना है कि जिले के 242 गांवों ने विधिवत स्ट्रीट लाइट कनेक्शन लिया है. 20 गांव में सोलर लैम्प हैं. कहीं बिल नहीं चुकाने वाले गांव का कनेक्शन कटा है तो किसी गांव ने कनेक्शन के लिए आवेदन ही नहीं किया है. कनेक्शन के लिए आवेदन आएगा तो तत्काल कनेक्शन देंगे.

बहरहाल, विभाग और ग्रामीणों के दावे-प्रतिदावे चल रहे हैं, पर गांव आज भी अंधेरे में डूबे हैं, रोशनी का त्योहार दिवाली की रात गांवों में अंधेरा कायम रहना ‘जीरो पावर कट राज्य’ के लिए बड़ी विडंबना है.

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