कलारचना

हर मम्मी को याद आयेगी देवेन वर्मा की

पुणे | मनोरंजन डेस्क: हिन्दी सिनेमा के दर्शकों को गंभीर तरीके से हंसाने वाले बालीवुड के पुराने कामेडियन देवेन वर्मा नहीं रहें. अपने फिल्मी जीवन में देवेन वर्मा ने कभी फूहड़ता भरी कामेडी नहीं की थी. हिन्दी सिनेजगत में ‘अंगूर’ और ‘खट्टा मीठा’ सरीखी फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाने के लिए मशहूर अभिनेता देवेन वर्मा का मंगलवार तड़के हृदयाघात और गुर्दा फेल होने से निधन हो गया. उनके परिवार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वह 77 वर्ष के थे. उनके परिवार में पत्नी रूपा गांगुली हैं, जो दिवंगत दिग्गज अभिनेता अशोक कुमार की सबसे छोटी बेटी हैं. उनका अंतिम संस्कार मंगलवार दोपहर यरवदा श्मशान घाट में किया जाएगा.

देवेन ने पुणे स्थित अपने घर में मंगलवार तड़के दो बजे अंतिम सांस ली. वर्मा का पालन-पोषण पुणे में ही हुआ था. उन्होंने यहां से राजनीति विज्ञान तथा समाजशास्त्र में स्नातक किया. इसके बाद फिल्म जगत में कदम रखा.

देवेन ने ‘चोरी मेरा काम’, ‘अंदाज अपना अपना’, ‘बेमिसाल’, ‘जुदाई’, ‘दिल तो पागल है’, ‘वक्त हमारा है’ तथा ‘कोरा कागज’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया था. हिन्दी फिल्म ‘अंगूर’ और ‘खट्टा मीठा’ में उनके किये कामेडियन के किरदार को लोग आज भी याद करते हैं. फिल्म ‘खट्टा मीठा’ में उनके गाने “..मम्मी ओ मम्मी तू कब सास बनेगी..” को लोग आज भी अनायस ही गा पड़ते हैं तब उनके जेहन में देवेन वर्मा की तस्वीर उभर आती है. वहीं, देवेन वर्मा अब नहीं रहे पर उनकी “..मम्मी ओ मम्मी तू कब सास बनेगी..” का गाना हमेशा उनकी याद दिलाता रहेगा. जब भी किसी मम्मी का बेटा जवान होगा तो उसे देवेन वर्मा का गाना याद आ जायेगा.

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